धनबाद, 11 अगस्त धनबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की ऑटो की टक्कर से 28 जुलाई को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में जांच पूरी करने के लिए विशेष सीबीआई अदालत ने बुधवार को दोनों आरोपियों की सीबीआई रिमांड दस दिन के लिए और बढ़ा दी। दोनों आरोपियों को अदालत ने सात अगस्त को सीबीआई की पांच दिनों की रिमांड पर भेजा था।
धनबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले की जांच कर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने मंगलवार को दोनों आरोपियों का ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ (झूठ पकड़ने का परीक्षण) व ‘फारेंसिक साइकोलॉजी टेस्ट’ (अपराध मनोविज्ञान परीक्षण) कराया था। हालांकि, मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए अब उसे दोनों आरोपियों ऑटो चालक लखन वर्मा एवं उसके सहयोगी राहुल वर्मा का नार्को परीक्षण कराना है जिसकी सुविधा झारखंड में न होने के चलते यहां सीबीआई की विशेष मजिस्ट्रेट शिखा अग्रवाल ने एजेंसी के आग्रह पर दोनों आरोपियों की रिमांड दस दिनों के लिए और आगे बढ़ा दी।
मामले की जांच में सीबीआई की मदद कर रहे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में जांच से जुड़े लगभग सभी पहलुओं पर काम कर लिया है और अपराध स्थल की पूरी जांच की जा चुकी है। न्यायाधीश की मौत के पूरे दृश्य को आरोपियों के साथ तीन-तीन बार पुनर्निर्मित (रिक्रिएट) किया जा चुका है।
घटना के सामने आए सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि न्यायाधीश रणधीर वर्मा चौक के पास चौड़ी सड़क के किनारे टहल रहे हैं, तभी पीछे आ रहे एक ऑटो रिक्शा ने सड़क खाली होने के बावजूद ऑटो मोड़कर न्यायाधीश को टक्कर मारी और वहां से फरार हो गया। बाद में घायल न्यायाधीश को अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत लाया घोषित कर दिया था।
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