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'मनीष सिसोदिया बाहर आए तो जांच प्रभावित हो सकती है', स्पेशल कोर्ट में सीबीआई ने किया जमानत का विरोध

By शिवेंद्र कुमार राय | Updated: March 21, 2023 18:15 IST

सीबीआई की तरफ से अदालत में पेश हुए विशेष लोक अभियोजक एडवोकेट डीपी सिंह ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने अपने फोन नष्ट कर दिए क्योंकि वह चैट नष्ट करना चाहते थे। ये एक गंभीर मामला है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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ठळक मुद्देस्पेशल कोर्ट में हुई सिसोदिया मामले की सुनवाईसीबीआई ने किया जमानत का विरोधअगली सुनवाई 24 मार्च को होगी

नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी और सीबीआई की जांच का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस समय जेल में हैं। सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए मामले को लेकर सिसोदिया की जमानत पर मंगलवार को स्पेशल कोर्ट सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने सिसोदिया की जमानत का विरोध किया और कहा कि मनीष सिसोदिया द्वारा बार-बार फोन बदला जाना कोई मासूम कर्म नहीं, बल्कि यह साक्ष्य मिटाने के लिए किया गया था।

सीबीआई के वकील ने ये भी कहा कि जांच एजेंसी के पास आरोप-पत्र दाखिल करने के लिए 60 दिन है और अगर मनीष सिसोदिया बाहर आते हैं तो जांच प्रभावित हो सकती है। स्पेशल कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी। 

सीबीआई की तरफ से अदालत में पेश हुए विशेष लोक अभियोजक एडवोकेट डीपी सिंह ने कहा कि मनीष सिसोदिया ने अपने फोन नष्ट कर दिए क्योंकि वह चैट नष्ट करना चाहते थे। ये एक गंभीर मामला है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 

सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने अदालत को अन्य कई जानकारियां भी दीं। विशेष लोक अभियोजक एडवोकेट डीपी सिंह ने कहा कि सिसोदिया सारे घोटाले के मास्टरमाइंड थे। ब्लेकलिस्टेड फर्म इंडोस्प्रिट को लाइसेंस दिया गया क्योंकि सिसोदिया उसको शामिल करने की पुरजोर वकालत कर रहे थे। उनकी लाबिंग के बाद इस फर्म को आखिरकार लाइसेंस दे दिया गया।

दूसरी तरफ मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि सिसोदिया ने जांच में सहयोग किया और तलाशी अभियान में कोई आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिले। सिसोदिया के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ रिश्वत लेने का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है, आबकारी नीति में बदलाव विशुद्ध रूप से सामान्य प्रक्रिया थी। उन्होंने कहा कि कथित अपराध में सात साल से कम की सजा का प्रावधान है। इसलिए सिसोदिया को और अधिक दिनों तक जेल में रखना न्यायोचित नहीं है। सिसोदिया के वकील ने अदालत से जमानत देने की अपील की।

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