नई दिल्ली, 22 सितंबर। सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और उनके डेप्युटी राकेश अस्थाना के बीच के मतभेद शुक्रवार को खुलकर सबके सामने आ गया है। आलोक वर्मा ने राकेश अस्थाना द्वारा उनको लेकर किए गए बयान को 'द्वेषपूर्ण' और 'ओछा' बताया है। वहीं, सीबीआई चीफ ने अस्थाना पर अधिकारियों को डराने का आरोप भी लगाया है।
दरअसल आलोक वर्मा का कहना है कि आधिकारियों का डराकर अस्थाना उनकी जांच कर रही हैं। हांलाकि राकेश अस्थाना की तरफ से इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया गया है। राकेश अस्थाना की ओर से कहा गया है कि महत्वपूर्ण केसों की जांच रोकने के आदेश दिए थे, इनमें आईआरसीटीसी स्कैम से जुड़ा मामला भी है जिसमें लालू प्रसाद और उनका परिवार आरोपी है।
अस्थाना ने सेंट्रल विजिलेंस कमिशन को भेजी खत लिखकर कहा है कि जो खबर शुक्रवार को हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स ने प्रकाशित की थी और यह कई न्यूज चैनलों में भी प्रसारित किया गया था। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीबीआई निदेशक की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए बिना तथ्यों की पुष्टि किए सार्वजनिक रूप से आधारहीन आरोप लगाए जा रहे हैं और एजेंसी के अधिकारियों को भयभीत किया जा रहा है।'
यह पहला मौका नहीं है जब इन दो अधिकारियों की ओहदे की लड़ाई सीवीसी के पास पहुंची हो। गौरबतल है कि इसी साल जुलाई में सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा ने राकेश अस्थाना की शिकायत सीवीसी से की थी और उस समय राकेश अस्थाना के पक्ष में ही फैसला सुनाया गया था।