Cauvery Water Dispute: कल बेंगलुरु में स्कूल की छुट्टी की घोषणा, कावेरी मुद्दे पर राज्यव्यापी बंद का आह्वान, जानें गाइडलाइन
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 25, 2023 09:52 PM2023-09-25T21:52:36+5:302023-09-25T21:53:59+5:30
Cauvery Water Dispute: सत्तारूढ़ कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय में कर्नाटक की याचिका पर सुनवाई के दौरान ठोस दलीलें पेश करने की बात कही और आश्वासन दिया कि वह अंतर-राज्यीय नदी विवाद को लेकर जारी आंदोलन को नियंत्रित करने का प्रयास नहीं करेगी।
Cauvery Water Dispute: पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ कर्नाटक में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच इस सप्ताह दो बंद का आह्वान किया गया है। इस बीच बेंगलुरु शहरी के उपायुक्त केए दयानंद ने बेंगलुरु बंद से पहले कल (26 सितंबर) बेंगलुरु में स्कूल की छुट्टी की घोषणा की है।
पहला बंद मंगलवार को बेंगलुरु में और दूसरा राज्यव्यापी बंद शुक्रवार को होगा। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय में कर्नाटक की याचिका पर सुनवाई के दौरान ठोस दलीलें पेश करने की बात कही और आश्वासन दिया कि वह अंतर-राज्यीय नदी विवाद को लेकर जारी आंदोलन को नियंत्रित करने का प्रयास नहीं करेगी।
KA Dayananda, Deputy Commissioner Bengaluru Urban announces a school holiday in Bengaluru tomorrow (September 26) ahead of the Bengaluru bandh.
— ANI (@ANI) September 25, 2023
पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वह जल शक्ति मंत्रालय को कावेरी बेसिन में सभी जलाशयों का अध्ययन करने के लिए एक बाह्य एजेंसी नियुक्त करने का निर्देश दें। उन्होंने ऐसी स्थितियों में सभी संबंधित राज्यों पर लागू होने वाला एक उचित फार्मूला तैयार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में एक किसान संघ ने राज्य सरकार से मंगलवार को यहां होने वाले विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए केंद्र सरकार के माध्यम से उचित कदम उठाने का आग्रह किया है। सोमवार को कन्नड़ कार्यकर्ता वतल नागराज के नेतृत्व वाले 'कन्नड़ ओक्कुटा' के बैनर तले 29 सितंबर को कर्नाटक बंद की घोषणा की गई।
इससे कुछ दिन पहले किसान नेता कुरुबुरु शांताकुमार के नेतृत्व में किसान संघों और अन्य संगठनों के एक प्रमुख संगठन 'कर्नाटक जल संरक्षण समिति' ने मंगलवार को बेंगलुरु बंद का आह्वान किया था। दोनों बंद किसानों और कन्नड़ समर्थक संगठनों के बीच विभाजन को दर्शाते हैं, और अब इस बात को लेकर भी भ्रम पैदा हो गया है कि कौन किस दिन बंद का समर्थन कर रहा है, और क्या सेवाएं कल उपलब्ध होंगी।
शांताकुमार ने कहा है कि वे मंगलवार को बेंगलुरु बंद का समर्थन करेंगे शुक्रवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान करने वाले वतल नागराज ने स्पष्ट किया कि ‘कन्नड़ ओक्कुटा’ कल के बंद का समर्थन नहीं कर रहा। शांताकुमार ने कहा कि उन्हें कल के बंद के आह्वान के लिए कई संगठनों से समर्थन मिला है और वे इसपर आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा, "हम बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में विरोध प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांगों को लेकर वहां धरना देंगे। राज्य सरकार, मुख्यमंत्री को हमारा ज्ञापन लेना होगा। अगर सरकार की ओर से हमारे विरोध प्रदर्शन पर कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तो हम आगे की कार्रवाई पर विचार करके कोई फैसला लेंगे।”
शांतिपूर्ण बंद का आह्वान करते हुए उन्होंने पुलिस से यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय करने की भी अपील की कि कोई अप्रिय घटना न हो। वतल नागराज ने कहा कि उन्होंने 'कर्नाटक जल संरक्षण समिति' से अपने बंद के आह्वान को स्थगित करने और 29 सितंबर को उनके साथ मिलकर बंद में हिस्सा लेने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा, "हमने 29 सितंबर को अखंड कर्नाटक बंद (संपूर्ण कर्नाटक बंद) का आह्वान किया है। यह पूरे राज्य में होगा। हमारी लड़ाई पूरे कर्नाटक के लिए है। कन्नड़ ओक्कुटा ने अब तक पूरे राज्य में 50 से ज्यादा बंद का आयोजन किया है।” इस बीच, ‘ओला-उबर ड्राइवर्स एसोसिएशन’ ने आज कहा कि वे कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा बुलाए गए 29 सितंबर के कर्नाटक बंद को पूरा समर्थन देंगे, लेकिन कल के बंद का समर्थन नहीं करेंगे। एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, "कल हमारी सेवाएं सामान्य रहेंगी। यह निर्णय आज कन्नड़ समर्थक और विभिन्न संगठनों की मौजूदगी में हुई बैठक में लिया गया।"
एसोसिएशन ने कहा कि वाहन चालक वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे हैं और उनकी राय है कि वे दो दिन काम बंद नहीं कर सकते। ‘होटल ओनर्स एसोसिएशन’ ने भी भ्रम की स्थिति का हवाला देते हुए कल बंद के लिए समर्थन वापस लेने का फैसला किया है और कहा है कि सभी होटल और रेस्तरां खुले रहेंगे।
हालांकि, ऑटो और टैक्सियों का संचालन करने वाले संघों और यूनियनों ने कल के बंद के आह्वान को अपना पूरा समर्थन दिया है, और केएसआरटीसी स्टाफ एंड वर्कर्स फेडरेशन ने भी बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) के कर्मचारियों से सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक डिपो से कोई भी बस नहीं चलाने के लिए कहा है।
मेट्रो सेवाओं पर बंद के आह्वान का असर पड़ने की आशंका नहीं है और वे सामान्य रूप से चलती रहेंगी। कल बेंगलुरु बंद के मद्देनजर राज्य के अधिकांश निजी स्कूलों और कॉलेजों ने पहले ही छुट्टी की घोषणा कर दी है। जनता दल सेक्युलर के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी कल होने वाले विरोध प्रदर्शन का समर्थन करेगी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारियों को नहीं रोकेगी, लेकिन शांति व्यवस्था बरकरार रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के दौरान अपनी ठोस दलीलें पेश करेगी और यह राज्य के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस बीच, जनता दल सेक्युलर के प्रमुख देवेगौड़ा ने कावेरी मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि 23 सितंबर को कर्नाटक में कावेरी बेसिन के सभी चार जलाशयों में उपलब्ध संयुक्त भंडारण केवल 51.10 टीएमसी (हजार मिलियन क्यूबिक फुट) है, जबकि फसलों और पेयजल की आवश्यकता 112 टीएमसी है।
गौड़ा ने पत्र में लिखा, "अब तक जारी 40 टीएमसी से कहीं अधिक अतिरिक्त पानी जारी करने के लिए दबाव बनाने को लेकर तमिलनाडु का रवैया न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए समानता व प्राकृतिक न्याय के सभी सिद्धांतों के खिलाफ भी है कि पेयजल उपलब्ध कराना संविधान के तहत एक मौलिक अधिकार है और राष्ट्रीय जल नीति में इसे सर्वोच्च प्राथमिकता मिली है।”