झूठा आरोप लगाकर व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला: अदालत ने महिला पर मुकदमे को हरी झंडी दी

By भाषा | Published: October 26, 2021 04:02 PM2021-10-26T16:02:23+5:302021-10-26T16:02:23+5:30

Case of abetment of suicide by making false allegation: Court clears trial against woman | झूठा आरोप लगाकर व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला: अदालत ने महिला पर मुकदमे को हरी झंडी दी

झूठा आरोप लगाकर व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला: अदालत ने महिला पर मुकदमे को हरी झंडी दी

कोच्चि, 26 अक्टूबर केरल उच्च न्यायालय ने एक महिला के खिलाफ एक व्यक्ति को झूठा आरोप लगाकर आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। इस महिला ने व्यक्ति पर आरोप लगाया था कि उसने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाकर उसे गर्भवती बना दिया। आरोप लगने के बाद व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी।

अदालत ने उल्लेख किया कि महिला असल में गर्भवती नहीं थी और मृतक के माता-पिता द्वारा पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार उसने उनके बेटे को धमकी दी थी कि अगर वह उसके साथ शादी नहीं करता है तो गंभीर नतीजे भुगतने को तैयार रहे या फिर मुआवजा दे।

माता-पिता ने आरोप लगाया था कि उनके बेटे ने महिला की धमकियों की वजह से अप्रैल 2015 में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

उच्च न्यायालय ने कहा, "यह भी (आरोपपत्र से) स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता (महिला) वास्तव में गर्भवती भी नहीं थी। ऐसी परिस्थितियों में, यह स्पष्ट है कि यह झूठा आरोप लगाने का मामला था कि उसे व्यक्ति (मृतक) ने गर्भवती बनाया था।’’

अदालत ने कहा कि उसके समक्ष प्रस्तुत सामग्री इस निष्कर्ष पर ले जाती है कि प्रथम दृष्टया मामला बनता है। इसने आरोपपत्र दायर होने के बाद महिला के खिलाफ निचली अदालत में जारी आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

उच्च न्यायालय ने यह कहकर महिला की याचिका खारिज कर दी कि वर्तमान परिस्थितियों में उसे महिला द्वारा मांगी गई राहत पर विचार करने का कोई आधार नजर नहीं आता।

महिला ने आरोपपत्र दाखिल होने के बाद अपने खिलाफ आगे की सभी कार्यवाही को यह दावा करते हुए रद्द करने का आग्रह किया था कि संबंधित सामग्री उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है।

आत्महत्या के उकसाने के अपराध में अधिकतम 10 साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।

महिला की याचिका के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में शुरू में अप्राकृतिक मौत का प्रकरण दर्ज किया था और प्रथम सूचना बयान में किसी अपराध का आरोप नहीं था तथा उसकी संलिप्तता का कोई जिक्र नहीं था।

हालांकि, जांच पूरी होने के बाद जब पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया, तो महिला को एकमात्र आरोपी के रूप में पेश किया गया और उस पर भादंसं की धारा 306 के तहत अपराध का आरोप लगाया गया।

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Web Title: Case of abetment of suicide by making false allegation: Court clears trial against woman

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