तमिलनाडु भाजपा प्रमुख अन्नामलाई के खिलाफ बिहार के श्रमिकों पर हुए 'हमले' के मामले में दर्ज हुआ केस
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 5, 2023 01:39 PM2023-03-05T13:39:51+5:302023-03-05T13:53:49+5:30
तमिलनाडु भाजपा प्रमुख अन्नामलाई के खिलाफ चेन्नई पुलिस की साइबर क्राइम डिवीजन ने बिहार के श्रमिकों पर हुए कथित हमलों की अफवाह के मामले में आईपीसी की धारा 153, 153ए(1)(ए), 505(1)(बी) आईपीसी 505(1)(सी) के तहत केस दर्ज किया है।
चेन्नई: बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले की अफवाह के मामले में तमिलनाडु पुलिस की साइबर क्राइम डिवीजन ने बड़ा एक्शन लेते हुए प्रदेश भाजपा प्रमुख अन्नामलाई के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार चेन्नई पुलिस की साइबर क्राइम डिवीजन ने बिहार के श्रमिकों पर हमलों की अफवाह के बाद हिंसा भड़काने और दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153ए(1)(ए), 505(1)(बी) आईपीसी 505(1)(सी) के तहत केस दर्ज किया है।
इतना ही नहीं पुलिस ने इस विवाद में न केवल अन्नामलाई बल्कि यूपी भाजपा प्रवक्ता प्रशांत उमराव सहित दो पत्रकारों के खिलाफ भी जनसमुदाय को भड़काने के मामले में केस दर्ज किया है।
पुलिस का कहना है कि बिहार के श्रमिकों पर 'हमले' के कथित वीडियो वाले संदेश सोशल मीडिया ट्विटर के माध्यम से वायरल किये जा रहे हैं और उन्हीं में से एक ट्वीट में कथित तौर से दावा किया जा रहा है कि हिंदी बोलने के लिए बिहार के 12 प्रवासियों को तमिलनाडु में फांसी पर लटका दिया गया है और यह ट्वीट उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रशांत उमराव की ओर से किया गया है। लेकिन पुलिस की ओर से अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई के खिलाफ किस आधार पर केस दर्ज किया गया है।
जबकि इस विवाद में भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई द्वारा बीते शनिवार को बिहार के मजदूरों के संबंध में एक बयान जारी किया गया था। उन्होंने कहा था कि तमिलनाडु में बिहार से आने वाले मजदूर पूरी तरह से सुरक्षित हैं, लेकिन मुख्यमंत्री स्टालिन के नेतृत्व वाले डीएमके पार्टी और सरकार के अन्य गठबंधन दल के नेता उनके खिलाफ फैल रही नफरत के मुख्य कारण हैं।
इसके साथ ही अन्नामलाई ने यह भी कहा था कि सूबे में बिहार के मजदूरों पर हमले की झूठी अफवाहें गलत हैं और तमिल किसी भी तरह से उत्तर भारतीयों के खिलाफ "अलगाववाद" और "घृणा" का समर्थन नहीं करते हैं।
स्टालिन सरकार पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा, "डीएमके सांसद उत्तर भारतीयों पर अभद्र टिप्पणी करते हैं। एक डीएमके मंत्री ने उत्तर भारतीयों को पानीपुरी वाला कहा था और गठबंधन के सहयोगी उन्हें राज्य से बाहर निकालने की मांग करते हैं, जैसा कि आज हम देख रहे हैं।"
वहीं इस पूरे विवाद में तमिलनाडु पुलिस और प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि मजदूरों पर हमले से संबंधित वायरल हो रहे वीडियो फर्जी हैं और वो वीडियो बहुत पुराने समय में तिरुपुर और कोयम्बटूर में हुई घटनाओं से संबंधित हैं। चेन्नई पुलिस ने साफ किया है कि कथिततौर पर हमले के तौर पर प्रचारित किये जा रहे दोनों ही मामलों में तमिलनाडु के लोगों और बिहार के श्रमिकों के बीच किसी तरह का कोई हिंसक संघर्ष नहीं हुआ है।