रायबरेली (उत्तर प्रदेश) 14 मार्च रायबरेली जिले में सिविल लाइंस इलाके में पांच बीघे भूमि को फर्जी तरीके से फ्रीहोल्ड कराने के मामले में कमला नेहरू एजुकेशनल सोसायटी के सचिव तथा पूर्व सांसद शीला कौल के बेटे विक्रम कौल और तत्कालीन अपर जिलाधिकारी समेत 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।
यह मुकदमा मौजूदा अपर जिलाधिकारी (एडीएम) वित्त एवं राजस्व प्रेम प्रकाश उपाध्याय की तहरीर पर दर्ज किया गया है।
उपाध्याय ने शहर कोतवाली पुलिस को दी गयी तहरीर में कहा कि कमला नेहरू एजुकेशनल सोसायटी की ओर से 6 फरवरी 2001 फ्रीहोल्ड के लिए आवेदन किया था। तत्कालीन नजूल लिपिक और प्रभारी अधिकारी नजूल सोसायटी के पदाधिकारियों के साथ मिलकर विधिक तथ्यों को छिपाते हुए जमीन को सोसायटी के पक्ष में बिना पट्टा प्राप्त किए फ्रीहोल्ड किए जाने की संस्तुति की गई।
उपाध्याय ने आरोप लगाया कि तत्कालीन तहसीलदार—सदर ने भी उस जमीन को सोसायटी के पक्ष में गलत ढंग से फर्जी पट्टे के आधार पर फ्रीहोल्ड किए जाने की संस्तुति कर दी। उस पर तत्कालीन लेखपाल, कानूनगो और तहसीलदार के हस्ताक्षर भी हैं। वहीं पुराने अभिलेखों में जगह-जगह सफेदा लगाकर ओवरराइटिंग की गई है।
उपाध्याय ने बताया कि इस मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट ने की थी। उसी जांच के आधार पर कोतवाली में मामला दर्ज करने की तहरीर दी गई थी।
पुलिस ने पूर्व सांसद शीला कौल के बेटे विक्रम कौल, सब रजिस्ट्रार घनश्याम, तत्कालीन एडीएम वित्त एवं राजस्व मदन पाल आर्य, तत्कालीन तहसीलदार कृष्ण पाल सिंह, प्रशासनिक अधिकारी विन्ध्यवासिनी प्रसाद, नजूल लिपिक रामकृष्ण श्रीवास्तव, लेखपाल प्रवीण कुमार मिश्रा, प्रभारी कानूनगो प्रदीप श्रीवास्तव और नजूल लिपिक छेदीलाल जौहरी समेत 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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