कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार से कहा- सजा पूरी होने के बाद रोहिंग्याओं को जेल में नहीं रखे
By भाषा | Updated: February 16, 2020 16:54 IST2020-02-16T16:54:22+5:302020-02-16T16:54:22+5:30
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार को चार रोहिंग्याओं को वापस भेजने के काम में प्रगति के विषय पर 26 फरवरी को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि वह भारत में अवैध रूप से घुस आये रोहिंग्या नागरिकों को कैद की सजा पूरी होने के बाद सुधार गृहों में नहीं रख सकती है। मुख्य न्यायाधीश टी बी एन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि उन्हें उनके मूल देश म्यामांर भेजने तक खुली जगह में, यदि जरूरी हो तो, निगरानी में रखा जाए।
पीठ ने पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार को चार रोहिंग्याओं को वापस भेजने के काम में प्रगति के विषय पर 26 फरवरी को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि यदि इस प्रक्रिया में समय लगता है तो चारों को वापस भेजने तक उनके ठहरने की कोई योजना अदालत सोच सकती है। चारों रोहिंग्या अवैध रूप से देश में आये थे। उन्हें पश्चिम बंगाल में 2016 में गिरफ्तार किया गया था।
उसके बाद जिला न्यायालय ने विदेशी अधिनियम के तहत उन्हें 18-18 महीने की कैद की सजा सुनायी थी। पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि चारों यह सजा पूरी कर चुके हैं और उनमें से एक को वापस भेजने की प्रक्रिया पूरी हो गयी है।
वकील सुदीप घोष चौधरी ने रिट याचिका दाखिल कर उच्च न्यायालय ने दरख्वास्त किया था कि कैद की सजा पूरी होने के बाद उन्हें सुधार गृह से रिहा किया जाए।