केंद्रीय गृह मंत्रालय में अजय भल्ला की ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) के तौर पर नियुक्ति के साथ ही अब सबकी निगाहें कैबिनेट सचिव पद की ओर हो गई हैं. यह कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार नये कैबिनेट सचिव का भी ऐलान कर देगी, क्योंकि वर्तमान कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा का चार वर्ष का कार्यकाल 12 सितंबर को समाप्त हो रहा है. सिन्हा को जून में मिले तीन माह के एक्सटेंशन ने समूची नौकरशाही को चौंका दिया था.
माना जा रहा था कि अगर सरकार को वर्तमान गृह सचिव राजीव गाबा को अगला कैबिनेट सचिव बनाना है तो वह उन्हें सीधे ओएसडी नियुक्त करके यह कर सकती थी. लेकिन अगले गृह सचिव को लेकर असमंजस देरी की वजह बन गई. अमित शाह के लिए गृह मंत्रालय नया था और इसलिए वह मंत्रालय के कामकाज को समझने के लिए कुछ वक्त चाहते थे. वह चाहते थे कि राजीव गाबा कुछ वक्त गृह मंत्रालय में बने रहें.
उम्मीद की जा रही थी कि गृह मंत्रालय में दिया गया काम पूरा करने के बाद गाबा को ओएसडी नियुक्त कर उनके कैबिनेट सचिव बनने का रास्ता साफ कर दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक अगले महीने अजय भल्ला के गृह मंत्रालय का कामकाज अच्छी तरह से संभाल लेने के बाद ही अगले तीन-चार हफ्ते में गाबा को नई जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. अजय भल्ला ने ऊर्जा सचिव के तौर पर उल्लेखनीय काम किया.
देश के हर गांव तक बिजली की योजना में उनका योगदान अहम रहा. उनके प्रदर्शन से खुश होकर ही प्रधानमंत्री ने उन्हें गृह मंत्रालय के लिए चुना. अगले कैबिनेट सचिव को लेकर नौकरशाहों ने चुप्पी साध रखी है. कैबिनेट सचिव की होड़ में रहने वाले टेलीकॉम सचिव अरूणा सुंदरम 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होने जा रही हैं. उनके उत्तराधिकारी की भी घोषणा हो चुकी है. यह भी स्पष्ट है कि पी.के. सिन्हा को जून में मिले एक्सटेंशन के बाद अब कोई सेवावृद्धि नहीं मिलेगी. ऐसे में कैबिनेट सचिव को लेकर असमंजस कुछ वक्त और कायम रहने की संभावना है.