CAA Protest: राष्ट्रपति कोविंद के आने पर दीक्षांत समारोह से स्टूडेंट को किया बाहर, विरोध में लौटाया गोल्ड मेडल, आँखों में आँसू भर की भावुक अपील
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 23, 2019 08:16 PM2019-12-23T20:16:04+5:302019-12-23T20:20:14+5:30
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। मालूम हो कि जामिया समेत कई विश्वविद्यालयों के छात्र विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरें।
पांडिचेरी यूनिवर्सिटी की एक गोल्ड मेडलिस्ट राबिहा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गोल्ड मेडल लेने से इनकार कर दिया है। सीएनएन न्यूज 18 की खबर के मुताबिक राबिहा का आरोप है कि उन्हें सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के संदेह में सिक्योरिटी ने दीक्षांत हॉल में प्रवेश करने से मना कर दिया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक राबिहा ने कहा कि उन्हें तब तक हॉल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली जब तक राष्ट्रपति कोविंद दीक्षांत हॉल में मौजूद थे। बता दें कि जब राबिहा कोगोल्ड मेडल लेने के लिए आमंत्रित किया गया तो उसने मेडल लेने से इनकार कर दिया। राबिहा ने मीडिया से बातचीत के दौरान भावूक हो गईं और रोकर पूरी आपबीती सुनाई। राबिहा 2018 में मास कम्यूनिकेशन की छात्रा थीं।
#NewsAlert - Rabiha, a gold medalist from Pondicherry university rejected the gold medal because she was allegedly denied entry into the convocation hall when President Kovind arrived for the event on suspicion that she could protest against CAA.#CAAshowdownpic.twitter.com/7R70AX0Pb4
— News18 (@CNNnews18) December 23, 2019
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। सोमवार (23 दिसंबर) को दिल्ली के राजघाट पर कांग्रेस ने 'सत्याग्रह' का आह्वान किया है। यहां पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी और कार्यसमिति के सदस्य सहित पार्टी के शीर्ष नेता शामिल हुए हैं। इस मौके पर सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा।
बाद में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हिंदी और कई अन्य नेताओं ने देश की अलग अलग भाषाओं में संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। नागरिकता संशोधन कानून और हालिया विरोध प्रदर्शनों में छात्रों पर हुए बल प्रयोग की पृष्ठभूमि में मुख्य विपक्षी दल ने सत्याग्रह का आयोजन किया।