प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को विरोधियों पर लोगों के बीच डर फैलाने और नागरिकता संशोधन कानून पर मुस्लिमों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार की योजनाओं में कभी भी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया गया।
पीएम मोदी ने कहा कि 2 हफ्ते पहले, मजनू-का-टीला में एक बेटी का जन्म हुआ, जिसे 'नागरिकता' नाम दिया गया। मैं उपद्रवियों और रिमोट कंट्रोल की राजनीति में लगे लोगों से पूछना चाहता हूं, अगर 'नागरिकता' और उसके माता-पिता की ज़िंदगी आसान हो जाती है, अगर देश के किसी भी नागरिक की समस्या हल हो जाती है, तो इससे आपको पीड़ा क्यों होती है? कुछ लोग CAA को गरीबों के खिलाफ ही बता रहे हैं, कह रहे हैं कि जो लोग आएंगे वो यहां के गरीबों का हक़ छीन लेंगे। अरे झूठ फ़ैलाने से पहले कम से कम गरीबों पर तो दया करो भाई। किसी नए शरणार्थी को इस कानून का फायदा नहीं मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि पुलिस के जवानों को अपनी ड्यूटी के समय जो हिंसा का सामना करना पड़ रहा है, उनकों मारा जा रहा है, इससे क्या मिलेगा आपको? आज़ादी के बाद 33 हजार से ज्यादा पुलिसवालों ने शांति और आपकी सुरक्षा के लिए शहादत दी है।
मुझे पूरा विश्वास है कि एक बार जब हाथ में तिरंगा आ जाता है तो वो फिर कभी हिंसा और बांटने की राजनीति का समर्थन नहीं कर सकता है। यह तिरंगा इन लोगों को हिंसा फैलाने वालों और आतंकवादी हमले करने वालों के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिये प्रेरित करेगा।
कांग्रेस और उसके साथी, शहरों में रहने वाले पढ़े लिखे नक्सली -अर्बन नक्सल, ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा कुछ तो अपनी शिक्षा की कद्र करिए। एक बार पढ़ तो लीजिए नागरिकता संशोधन एक्ट और NRC है क्या?
मैं इन लोगों को कहना चाहता हूं कि मोदी को देश की जनता ने बैठाया, ये अगर आपको पसंद नहीं है, तो आप मोदी को गाली दो, मोदी का विरोध करो, मोदी का पुतला जलाओ। लेकिन देश की संपत्ति मत जलाओ, गरीब की ऑटो रिक्शा मत जलाओ, गरीब की झोपड़ी मत जलाओ।
मैं सभी देशवासियों को कहना चाहता हूं आप आश्वस्त रहिए इन लोगों की साजिशों के बावजूद आपका ये सेवक देश के लिए, देश की एकता के लिए, शांति और सद्भाव के लिए, मुझसे जो भी बन सकेगा उससे मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा। ये ऐसे लोग हैं जिन्हें जम्मू कश्मीर की विधानसभा में महिला और पुरुष के आधार पर बने स्थाई निवासी कानून से कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन यहां धार्मिक अल्पसंख्यकों का रास्ता आसान हो, इससे इन्हें दिक्कत हो रही है।