CAA: पीएम मोदी ने कहा- क्या हमने आपसे कोई सबूत मांगे थे, 70 का, 75 का, 80 का सबूत लाओ
By भाषा | Updated: December 22, 2019 16:29 IST2019-12-22T16:29:07+5:302019-12-22T16:29:07+5:30
मोदी ने विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए साफ शब्दों में कहा कि जो लोग कागज-कागज, सर्टिफिकेट-सर्टिफिकेट के नाम पर मुस्लिमों को भ्रमित कर रहे हैं, उन्हें ये याद रखना चाहिए कि हमने गरीबों की भलाई के लिए, योजनाओं के लाभार्थी चुनते समय कभी कागजों की बंदिशें नहीं लगाईं।

पिछले 5 साल में मुस्लिम देशों ने जितनी संख्या में भारतीय कैदियों को छोड़ा है वो अप्रत्याशित है।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देशभर में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि मुस्लिम बहुल देशों में उन्हें मिल रहे जबर्दस्त समर्थन से कांग्रेस और उसके सहयोगी परेशान है और इसीलिए वे भ्रम और अफवाह फैला रहे हैं।
मोदी ने विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए साफ शब्दों में कहा कि जो लोग कागज-कागज, सर्टिफिकेट-सर्टिफिकेट के नाम पर मुस्लिमों को भ्रमित कर रहे हैं, उन्हें ये याद रखना चाहिए कि हमने गरीबों की भलाई के लिए, योजनाओं के लाभार्थी चुनते समय कभी कागजों की बंदिशें नहीं लगाईं।
रामलीला मैदान में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ कांग्रेस और उसके सहयोगी आज इस बात से भी तिलमिलाए हुए हैं कि आखिर क्यों मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और खासकर मुसलिम बहुल देशों में इतना समर्थन मिलता है। क्यों वो देश मोदी को इतना पसंद करते हैं? ।’’
PM Modi: Hindus, Muslims, Sikhs, Christians all were befitted, everyone who lives here was benefitted. Why did we do this? Because we live for the love of the country. We are dedicated to the mantra of 'Sabka saath, sabka vikas' https://t.co/eHAhBanbAV
— ANI (@ANI) December 22, 2019
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान हो या फलस्तीन, सऊदी अरब हो या यूएई, मालदीव हो या बहरीन - इन सब देशों ने भारत को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुस्लिम जगत ने भारत की संस्कृति के साथ अपने रिश्ते को और प्रगाढ़ करने की कोशिश की है।
पिछले 5 साल में मुस्लिम देशों ने जितनी संख्या में भारतीय कैदियों को छोड़ा है वो अप्रत्याशित है। उन्होंने कहा कि सउदी अरब, कुवैत, कतर, बहरीन इन देशों ने भारत के जितने कैदियों को छोड़ा है, उतने पहले कभी नहीं छोड़े गए । उन्होंने इस संदर्भ में हज कोटे में वृद्धि किये जाने का भी उल्लेख किया ।
मोदी ने कहा, ‘‘ मैं सभी देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं, इन लोगों (विपक्ष): की साजिशों के बावजूद आपका ये सेवक देश के लिए, देश की एकता के लिए, शांति और सद्भाव के लिए जो भी बन सकेगा , करेगा , उससे मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा । ’’
कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग अपने स्वार्थ के लिए, अपनी राजनीति के लिए किस हद तक जा रहे हैं, ये आपने पिछले हफ्ते भी देखा है। जो बयान दिए गए, झूठे वीडियो, उकसाने वाली बातें कही गईं, उच्च स्तर पर बैठे लोगों ने सोशल मीडिया में भ्रम और आग फैलाने का गुनाह किया है।
मोदी ने कहा, 'मैं इन भ्रम फैलाने वाले, झूठ बोलने वालों से पूछना चाहता हूं कि जब मैंने दिल्ली की सैकड़ों कॉलोनियों को वैध किया तो क्या किसी से पूछा था कि आपका धर्म क्या है, आपकी आस्था क्या है, आप किस पार्टी को वोट देते हैं, आप किस पार्टी के समर्थन हैं? क्या हमने आपसे कोई सबूत मांगे थे? 70 का सबूत लाओ, 75 का सबूत लाओ, 80 का सबूत लाओ, क्या हमने मांगा था?' उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और शहरी नक्सलियों द्वारा डिटेंशन सेंटर की अफवाह उड़ाई गई है और यह सरासर झूठ है।
जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, उनसे नागरिकता कानून और एनआरसी दोनों का ही कोई लेना-देना नहीं है। मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मोदी को देश की जनता ने बैठाया, यह अगर आपको पसंद नहीं है, तो आप मोदी को गाली दो, विरोध करो, मोदी का पुतला जलाओ लेकिन देश की संपत्ति मत जलाओ, गरीब का रिक्शा मत जलाओ । उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि एक बार जब हाथ में तिरंगा आ जाता है तो वह फिर कभी हिंसा का, अलगाव का, बांटने की राजनीति का समर्थन नहीं कर सकता ।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पूरा विश्वास है कि हाथ में थमा यह तिरंगा इन लोगों को हिंसा फैलाने वालों के ख़िलाफ़, हथियार उठाने वालों के ख़िलाफ़, आतंकवादी हमले करने वालों के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिये प्रेरित करेगा । प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के हाथ में जब ईंट-पत्थर देखता हूं, जब उनके हाथ में हिंसा के साधन देखता हूं तो मुझे काफी तकलीफ होती है। लेकिन मेरी सोच अलग है। परन्तु जब उन्हीं में से कुछ के हाथ में तिरंगा देखता हूं, तो सुकून भी होता है क्योंकि हाथों में तिरंगा एक जिम्मेदारी भी है ।