CAA: सीएम ने कहा- असम का बेटा होने के नाते विदेशियों को नहीं बसने दूंगा, ये सर्बानंद सोनोवाल कभी नहीं होने देगा
By रामदीप मिश्रा | Updated: January 2, 2020 16:53 IST2020-01-02T16:53:39+5:302020-01-02T16:53:39+5:30
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नववर्ष के अवसर पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि सीएए अब एक राष्ट्रीय कानून है और असम के मूल निवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए नियम बनाए गए हैं।

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संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि सीमा पार से आए लोगों को वह अपने प्रदेश में बसने नहीं देंगे। साथ ही साथ कहा है कि सीएए किसी भी तरह से राज्य के मूल निवासियों को प्रभावित नहीं करेगा क्योंकि केंद्र ने असमी हितों के संरक्षण के लिए पहले ही नियम बना लिया है।
सीएम सोनोवाल ने ट्वीट कर कहा, 'असम के बेटे के रूप में, मैं अपने राज्य में विदेशियों को कभी नहीं बसाऊंगा। ये सर्बानंद सोनोवाल कभी नहीं होने देगा...।'
As a son of Assam, I will never settle foreigners in my state. This Sarbananda Sonowal will never allow this...
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) January 2, 2020
https://t.co/vjoexMdicj
उन्होंने नववर्ष के अवसर पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि सीएए अब एक राष्ट्रीय कानून है और असम के मूल निवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए नियम बनाए गए हैं। लोगों को इस कानून के बारे में अपने मन में कोई संदेह या भ्रम नहीं रखना चाहिए। उनके हितों के संरक्षण के लिए हमारे पास कई योजनाएं हैं।
उन्होंने कहा 'देश में कोई भी नया आदमी नहीं आएगा और यदि वे कोशिश करेंगे, तो हम इसकी इजाजत नहीं देंगे...नागरिकता के लिए योग्यता के रूप में 31 दिसंबर 2014 की समय सीमा तय की गई है। यदि कोई व्यक्ति नये नियमों को पढ़ेगा तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि कोई बांग्लादेशी या किसी और देश का कोई अन्य व्यक्ति हमारे देश में घुसने के लिए इस कानून का फायदा नहीं उठा सकता है।'
उन्होंने कहा, 'इस देश में दशकों से रह रहे लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे, फिर इन आवेदनों की पड़ताल की जाएगी और इसके वैध पाए जाने पर ही उन्हें नागरिकता दी जाएगी।'
उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार असम समझौते के खंड छह पर समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो असम के मूल निवासियों को संवैधानिक संरक्षण प्रदान करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बारे में दस्तावेजी सबूत हैं कि कांग्रेस और वाम दल जैसी राजनीतिक पार्टियां सामान्य और बेकसूर लोगों के बीच, खासतौर पर चाय बागान इलाकों में यह दुष्प्रचार कर रही हैं कि अवैध प्रवासी उनकी अतिरिक्त जमीन पर बसाए जाएंगे।
(समाचारा एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)