CAA और एनआरसी विरोध के बीच ममता बनर्जी ने उठाया बड़ा कदम, पश्चिम बंगाल में रोका NPR का कार्य
By रामदीप मिश्रा | Published: December 16, 2019 08:37 PM2019-12-16T20:37:04+5:302019-12-16T20:37:04+5:30
CAA और एनआरसी का विरोधः ममता बनर्जी ने कोलकात में सोमवार को एक बड़ी रैली की अगुवाई की और उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में हिंसा भड़काने के लिए बीजेपी ने कुछ लोगों को धन दिए हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एकबार फिर नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी लागू नहीं करने का संकल्प जताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इन दोनों कानूनों को उनकी लाश पर ही राज्य में लागू किया जा सकता है। इसके बाद देर शाम ममता बनर्जी ने एक बड़ा फैसला लिया है और आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के कार्य रोक दिया है।
भविष्य में नागरिकों की सूची तैयार करने के लिए जनसंख्या रजिस्टर के लिए जमीनी स्तर पर कार्य किया जाना था, जिसे ममता बनर्जी सरकार ने रोक दिया है। ममता सरकार ने यह फैसला उस समय लिया है जब उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को चुनौती दी है कि उनकी सरकार बर्खास्त करे।
ममता बनर्जी ने कोलकात में सोमवार को एक बड़ी रैली की अगुवाई की और उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में हिंसा भड़काने के लिए बीजेपी ने कुछ लोगों को धन दिए हैं। साथ ही, उन्होंने पश्चिम बंगाल से बाहर की कुछ ताकतों पर तोड़फोड़ और आगजनी के लिए मुस्लिम समुदाय ‘के मित्र के रूप में पेश आने’ का भी आरोप लगाया।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने रेड रोड से उत्तरी कोलकाता में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात रचनाकार गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के आवास, जोरासांको ठाकुर बाड़ी तक रैली निकाली और हजारों की संख्या में समर्थकों ने उनका साथ दिया। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिनपर ‘ नो सीएए’ और ‘नो एनआरसी’ लिखा था।
बनर्जी ने असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा,‘‘राज्य से बाहर की कुछ ताकतें जो अल्पसंख्यकों का मित्र होने का दिखावा कर रही हैं,वे हिंसा में शामिल हैं। ये ताकतें भाजपा के हाथों की कठपुतली हैं, उनकी जाल में नहीं फंसें।’’ हाल ही में बनर्जी और ओवैसी के बीच वाक्युद्ध हुआ था।
उन्होंने कहा,‘‘ जब तक मैं जिंदा हूं,मैं एनआरसी अथवा नागरिकता कानून कभी लागू नहीं करूंगी। आप चाहें तो मेरी सरकार को बर्खास्त कर दें अथवा मुझे सलाखों के पीछे डाल दें लेकिन मैं यह काला कानून कभी लागू नहीं करूंगी। जब तक यह कानून निरस्त नहीं कर दिया जाता मैं संवैधानिक तरीके से प्रदर्शन करना जारी रखूंगी। यदि वे इसे बंगाल में लागू करना चाहते हैं तो उन्हें मेरी लाश पर ऐसा करना होगा।’’
उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सोचती है कि वह इस कानून को लागू करने के लिए डरा धमका सकती है तो वह गलत है। बनर्जी ने रेड रोड पर बी आर आंबेडकर की प्रतिमा के समीप रैली के आरंभ होने पर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए ‘शपथ’ पढ़ते हुए कहा,‘‘राज्य से किसी को भी बाहर नहीं निकाला जाएगा। हम सभी धर्मों, जातियों और पंथों के सह अस्तित्व में विश्वास करते हैं।’’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के आधार पर)