Bypoll Results 2022: बाबुल सुप्रियो 10000 वोट से आगे, बालीगंज विधानसभा क्षेत्र में माकपा की सायरा शाह हलीम पीछे, कांग्रेस और बीजेपी का बुरा हाल
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 16, 2022 12:19 PM2022-04-16T12:19:52+5:302022-04-16T12:23:01+5:30
Bypoll Results 2022: आसनसोल सीट बाबुल सुप्रियो के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से तृणमूल कांग्रेस में जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने के कारण खाली हुई थी।

दक्षिण कलकत्ता स्थित बालीगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो को विपक्षी भाजपा और माकपा में टक्कर हैं।
Bypoll Results 2022: पश्चिम बंगाल के आसनसोल लोकसभा और बालीगंज विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनावों की शुरुआती दौर की मतगणना में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त बना ली है।
बालीगंज सीट पर बाबुल सुप्रियो 10000 वोट से आगे हैं। सुप्रियो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-माकपा) की सायरा शाह हलीम से आगे चल रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस का बुरा हाल है। आसनसोल में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अग्निमित्र पॉल पर 90000 मतों की बढ़त बना ली है।
As per official early trends by the Election Commission, TMC leads on the Asansol Parliamentary seat in West Bengal as counting for the by-election gets underway.
— ANI (@ANI) April 16, 2022
TMC had fielded Shatrughan Sinha from the constituency, BJP had fielded Agnimitra Paul. pic.twitter.com/sbEATsd1oF
आसनसोल सीट बाबुल सुप्रियो के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से तृणमूल कांग्रेस में जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने के कारण खाली हुई थी। वहीं, बालीगंज के विधायक एवं राज्य सरकार में मंत्री सुब्रत मुखर्जी के निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी। दोनों सीटों पर 12 अप्रैल को उपचुनाव हुए थे। मतों की गिनती सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुई थी।
दक्षिण कलकत्ता स्थित बालीगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो को विपक्षी भाजपा और माकपा में टक्कर हैं। यह विधानसभा क्षेत्र 2006 से टीएमसी का गढ़ रहा है। इस निर्वाचन क्षेत्र में बिड़ला, थापर, मुखर्जी (मार्टिन एंड बर्न) और पुराने जमाने के जमींदारों के साथ-साथ उच्च मध्यम वर्ग के लोगों के मकान हैं। 1950 के दशक से इस निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी मुकाबला मॉर्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस के बीच हुआ करता था।
झुग्गी बस्तियों और कुछ मध्यम वर्ग के लोग जहां वाम दलों का समर्थन करते थे, जबकि शेष मध्यम वर्ग और अमीर दूसरी ओर रहते थे। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के उदय के बाद गरीब और अमीर दोनों के वोट ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी को मिलने लगे।
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में भाजपा का जनाधार बढ़ने ने फिर से नये दक्षिणपंथी मतदाताओं का निर्माण किया है, जबकि वाम दल टीएमसी के प्रति असंतोष का कुछ लाभ उठाने की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, टीएमसी को ममता का जादू चलने का पूरा भरोसा है।