जब प्रधानमंत्री नेहरू को 1958 में बनना पड़ा था वित्त मंत्री, बजट पेश कर दिया 'गिफ्ट टैक्स'

By पल्लवी कुमारी | Published: January 29, 2019 08:04 AM2019-01-29T08:04:26+5:302019-01-29T08:04:26+5:30

भारतीय बजट का इतिहास (History of Union Budget): भारत के इतिहास में ऐसे तीन मौके आए हैं जब देश के प्रधानमंत्री ने देश का आम बजट पेश किया हो। ये तीन प्रधानमंत्री थे पंडित जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी।

Budget History: Budget 2019: When Jawaharlal Nehru presented his 'pedestrian Budget' in 1958 Gift tax | जब प्रधानमंत्री नेहरू को 1958 में बनना पड़ा था वित्त मंत्री, बजट पेश कर दिया 'गिफ्ट टैक्स'

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देश का बजट हमेशा से ही वित्त मंत्री पेश करते आए हैं लेकिन भारत के इतिहास में ऐसे तीन मौके आए हैं जब देश के प्रधानमंत्री ने देश का आम बजट पेश किया हो। ये तीन प्रधानमंत्री थे पंडित जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी। आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु प्रधानमंत्री रहते हुए दो बार वित्त मंत्रा बने। पंडित नेहरू पहली बार वित्त मंत्री का 24 जुलाई से 30 अगस्त 1956 तक बने। 

क्यों पीएम नेहरू को बतौर वित्त मंत्री पेश करना पड़ा था बजट

दूसरी बार जवाहरलाल नेहरु ने वित्त मंत्री 13 फरवरी 1958 से लेकर 13 मार्च 1958 रहे। इस दौरान नेहरु ने पहली बार देश का आम बजट पेश किया था। असल 1958 में तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णमचारी को मशहूर मूंदड़ा घोटाले की वजह से अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जिसके बाद प्रधानमंत्री नेहरू को वित्त मंत्री की भूमिका निभानी पड़ी थी। इसी दौरान नेहरू ने बजट पेश किया था। 

बजट पेश कर दिया 'गिफ्ट टैक्स' का तोहफा 

नेहरू ने बजट भाषण में कहा था, 'परंपरा के मुताबिक, आज आने वाले वर्ष के लिए आम बजट पेश होना है। अप्रत्याशित और दुखद परिस्थितियों के कारण से, वित्त मंत्री जो सामान्य तौर पर आज दोपहर बजट पेश करते, हमारे साथ नहीं हैं। आखिरी समय में यह भारी जिम्मेदारी मुझपर आ गई है।'

इस बजट में यूं तो कुछ खास घोषणाएं नहीं की गई थी लेकिन इसी बजट में पीएम नेहरू ने 'गिफ्ट टैक्स' को पेश किया था। गिफ्ट टैक्स पेश करते हुए उन्होंने कहा था ये कोई नई बात नहीं है, इससे पहले इसका चलन अमेरिका, कनाडा, जापान जैसे कई देशों में है।  

डायरेक्ट टैक्स में पहली बार गिफ्ट टैक्स का प्रवाधान 

डायरेक्ट टैक्स में पहली बार गिफ्ट टैक्स का प्रावधान पेश किया गया था। गिफ्ट टैक्स के तहत दस हजार रुपये से अधिक कीमत की चीजों को ट्रांसफर करने पर टैक्स लगाने का प्रावधान पेश किया गया था। हालांकि गिफ्ट टैक्स के तहत आप अपनी पत्नी को एक लाख रुपये तक के गिफ्ट बिना टैक्स के दे सकते थे। नेहरु ने कहा था, ''गिफ्ट देने के बहाने आप परिजनों को संपत्तियों का ट्रांसफर न केवल एस्‍टेट ड्यूटी की चोरी करने बल्कि वेल्‍थ टैक्‍स, इनकम टैक्‍स और एक्‍पेंडिचर टैक्‍स बचाने का भी जरिया है।'' नेहरू के बाद 1959 में मोरारजी देसाई भारतीय वित्त मंत्री बने।

बजट भाषण के अंत में नेहरू ने क्या कहा?

इस बजट में नेहरू ने आकड़ों से ज्यादा विचारों को महत्व दिया। भाषण के अंत में नेहरू ने अपने वाक कला का उदारहण देते हुए कहा, "हम एक ऐसे क्रांतिकारी दौर में जी रहे हैं, जहां विज्ञान और तकनीक के बदलावों ने मानव के विकासे के लिए कई रास्ते खोल रहे हैं। हम ऐसे दौर में जी रहे हैं, जहां संसाधनों का एक बहुत बड़ा हिस्सा जंग की तैयारियों में खर्च किया जा रहा है। जब अंतरिक्ष यात्रा हमें इशारा कर रही है और ब्रह्माण्ड का विस्तार हमारी पहुंच में दिखता है, हमारे दिमाग में खतरा और भय भरा है। नई दुनिया के बदलते आयामों के बीच पनप रही चिंता और नफरत में हम और दूसरे अपना विकास कैसे कर सकते हैं? करना ही होगा इसके अलावा हमारे पास कोई रास्ता भी नहीं है।''

क्या है गिफ्ट टैक्स(what is gift tax?)

फिलहाल देश में रिश्तेदारों से गिफ्ट के लेन-देन पर कोई टैक्स नहीं लगता है लेकिन इसके साथ कुछ नियम और शर्तें लागू हैं। अगर आप गैर-रिश्तेदारों पूरे साल में 50 हजार रुपये से ज्यादा का गिफ्ट मिलता है तो उसपर टैक्स लगता है। वहीं कोई चीज आपको खानदानी मिली है तो उसपर टैक्स नहीं लगता है। गिफ्ट टैक्स जम्मू और कश्मीर के अलावा भारत के सभी प्रदेशों में लागू है।

English summary :
Union Budget History: Read here Union Budget Unknown Interesting Facts. Read here, when Jawaharlal Nehru presented his 'pedestrian Budget' in 1958 Gift tax. Budget 2019 will be presented on 01st February 2019.


Web Title: Budget History: Budget 2019: When Jawaharlal Nehru presented his 'pedestrian Budget' in 1958 Gift tax

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