Budget 2020: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में इन बातों पर रहेगी खास नजर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 1, 2020 08:35 AM2020-02-01T08:35:25+5:302020-02-01T08:35:25+5:30

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने चुनौतियां कम नहीं है, खासकर तब जब देश की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट आ रही है। आज वित्त मंत्री वित्तीय वर्ष 2020-21 (FY21) के लिए केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से आ रही गिरावट की वजह से शुक्रवार को, सरकार ने 2018-19 के लिए जीडीपी विकास दर में 6.8% से 6.1% की कटौती की है।

Budget 2020: In the first budget of the second term of Modi government, these things will be kept special attention | Budget 2020: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में इन बातों पर रहेगी खास नजर

बजट 2020 की खास बातें

Highlightsयह सोचने वाली बात है कि चालू वर्ष में विकास दर पिछले छह साल के सबसे निचले स्तर पर रहने की उम्मीद है।कृषि सेक्टर हो या विनिर्माण इन सभी क्षेत्रों की आर्थिक गतिविधियों में मंदी देखी गई है, ऐसे में इन क्षेत्रों के लिए सरकार बड़ी घोषणा कर सकती है।

केंद्रीय बजट 2020: विकास को बढ़ावा देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बजट में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को कम किया गया है या नहीं। सच तो यह है कि राजस्व घाटे का स्तर और सरकार की मंशा अगले कुछ वर्षों में इसे घटाकर 0% (जीडीपी) करने की है। ऐसे में बजट के दौरान बातों में खास ध्यान रखा जाएगा। 

जीडीपी ग्रोथ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने चुनौतियां कम नहीं है, खासकर तब जब देश की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट आ रही है। आज वित्त मंत्री वित्तीय वर्ष 2020-21 (FY21) के लिए केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से आ रही गिरावट की वजह से शुक्रवार को, सरकार ने 2018-19 के लिए जीडीपी विकास दर में 6.8% से 6.1% की कटौती की है। यह सोचने वाली बात है कि चालू वर्ष में विकास दर पिछले छह साल के सबसे निचले स्तर पर रहने की उम्मीद है।

देश में मंदी की रफ्तार ना केवल तेज है, बल्कि काफी व्यापक भी है। कृषि सेक्टर हो या विनिर्माण इन सभी क्षेत्रों की आर्थिक गतिविधियों में मंदी देखी गई है। आपको बता दें कि जुलाई 2019 में पेश किए गए आखिरी पूर्ण बजट में, सरकार को उम्मीद थी कि 2019-20 में मामूली जीडीपी 12% बढ़ेगा। जैसा कि पता चला है, यह आंकड़ा 7.5% या उससे कम होने की संभावना है। सरकार जीडीपी में सुधार के लिए विनिर्माण क्षेत्र में ध्यान दे सकती है। इसके साथ ही जीडीपी को प्रभावित करने वाले असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए भी सरकार घोषणा कर सकती है।

कृषि क्षेत्र पर ध्यान रहेगा
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक कृषि बिजली और उत्पादन का सीधा संबंध है। सरकार ने खाद्यान्न की बढ़ती मांग से निपटने के लिए 2030 के अंत तक 2.02 किलोवाट प्रति हेक्टेयर (2016-17) से 4.0 किलोवाट प्रति हेक्टेयर तक बिजली की उपलब्धता बढ़ाने का फैसला किया है। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि कृषि मशीनीकरण के उपयुक्त उपयोग के माध्यम से भारत की छोटी जोतों का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि एक प्रभावी जल संरक्षण तंत्र सुनिश्चित करते हुए सिंचाई सुविधाओं के विस्तार की आवश्यकता है। इसके लिए माइक्रो इरिगेशन, जिसमें ड्रिप और स्प्रिंकलर इरिगेशन शामिल हैं, की तकनीक अपनाने को कहा गया है। ऐसे में साफ है कि सरकार इस बार किसानों की बेहतर उफज व आय के लिए कोई फैसला ले सकती है।  

मध्यम वर्ग के लोगों को राहत
 दो कारण हैं कि सरकार मध्यम वर्ग के लोगों को राहत देना चाहती है। मोदी सरकार के लगातार दो बजट में मध्यम वर्ग के लोगों को कुछ खास नहीं मिला है. ऐसे में इश वर्ग को लोग बेह आशा भरी नजर से बजट की तरफ देख रहे हैं। व्यक्तिगत आयकर दरों में कटौती करना चाहती है या टैक्स स्लैब में बदलाव करना चाहती है। पिछले साल कॉरपोरेट कर दरों में भारी कटौती की गई थीं, लेकिन मध्य वर्ग के लिए कुछ खास नहीं था। ऐसे में यह समझ में आता है कि अर्थव्यवस्था में करदाताओं को राहत देने के लिए और भारत में मध्यम वर्ग की चिंताओं को दूर करने का एक तरीका हो सकता है। 6 से 7 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले लोगों को 5 फीसदी के इनकम टैक्स स्लैब में लाया जा सकता है। इसके अलावा 10 फीसदी इनकम टैक्स फिर से लागू किया जा सकता है।

 

Web Title: Budget 2020: In the first budget of the second term of Modi government, these things will be kept special attention

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