पेट्रोल-डीजल पर मायावती का BJP पर करारा वार, पूंजीपतियों के कंधे पर बैठकर मोदी जीतना चाहते 2019 चुनाव
By पल्लवी कुमारी | Published: September 11, 2018 11:53 AM2018-09-11T11:53:24+5:302018-09-11T12:07:34+5:30
Mayawati Press Conference Live Updates, Highlights in Hindi: देश में सोमवार (10 सितंबर) को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस सहित 20 से ज्यादा विपक्षी दलों ने भारत बंद किया था।
नई दिल्ली, 11 सितंबर: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा नरेन्द्र मोदी सरकार की आलोचना की। मायवती ने कहा, देश की जनता में नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से लेकर नोटबंदी तक मोदी सरकार पर हमला बोला। मोदी सरकार की नीतियों पर भी तीखा वार किया। भारतीय रुपये की गिरती कीमतों को लेकर भी मायावती ने केन्द्र सरकार को जिम्मेवार बताया है।
प्रेस कॉन्फ्रेस की प्रमुख बातें
- आय दिन देश में पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में कुछ दिनों के अंतराल के बाद बढ़ोतरी हो जाती है। जिसे देश की जनता काफी परेशान है।- मायावती
- गिरते रुपये की कीमते देश की अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय है। फिर भी केन्द्र सरकार जनता की इस परेशानी से चिंतित और विचलित नजर नहीं आती है। - मायावती
- केन्द्र की नीतियां जन विरोधी हैं। मोदी सरकार ने इसके साथ ही अहंकारी हैं- मायावती
- पेट्रोल-डीजल को लेकर बुलाए भारत बंद में आंदोलन कारियों पर पुलिस के गलत कार्रवाई की मायावती ने निंदा की है। इसके साथ उन्होंने बंद के दौरान जो हिंसा हुई है, उसे भी गलत ठहराया है।
- मायावती ने कहा- बीजेपी पूंजीपतियों को बिल्कुल भी नाराज नहीं करना चाहती है। ये इस बात से साफ हो जाता है कि उन्होंने सोमवार को यह साफ कर दिया कि वह ईधन की कीमतों में कटौती नहीं कर सकती है।
- नोटबंदी पर बोलते हुए मायावती ने कहा, नोटबंदी देश के लिए एक आर्थिक इमरजेंसी जैसी थी।
- मोदी सरकार पूंजीवादियों को नाराज करके 2019 के चुनाव को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।
- कांग्रेस पार्टी ने यूपीए एक में यानी 2004 से 2009 के बीच इनके सहयोगी पार्टियों के काफी कुछ नियत्रण में रहने के बाद, फिर यूपीए दो शासन काल के शुरुआत में काफी कुछ मोदी सरकार जैसी रैवया अपनाकर जून 2010 में पेट्रोल को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का फैसला किया गया था। पर लेकिन बीजेपी की सरकार बनने के बाद फिर इन्होंने भी कांग्रेस पार्टी की आर्थिक नीति को जारी रखा, और डीजल को भी सरकारी नियंत्रण से बाहर कर दिया- मायावती
- देश के आर्थिक स्थिति के लिए जरूरी है कि पेट्रोल डीजल की कीमतें सरकार के कंट्रोल में हो।- मायावती
गौरतलब है कि देश में सोमवार (10 सितंबर) को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस सहित 20 से ज्यादा विपक्षी दलों ने भारत बंद किया था। एनसीपी प्रमुख शरद पवार, द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन और वामपंथी नेताओं ने कांग्रेस की ओर से बुलाए गए भारत बंद का पुरजोर समर्थन किया था। वहीं तृणमूल कांग्रेस ने इस भारत बंद से दूर रहने का फैसला किया था। तृणमूल कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी के साथ होकर भी हमेशा उनसे विफर रहने वाली पार्टी शिवसेना ने भी भारत बंद से दूरी से बनाई थी। बसपा ने खुलेआम तरीके से भारत बंद का समर्थन नहीं किया था।