भवानीपुर में ममता की शानदार जीत, दो अन्य सीटों पर भी तृणमूल कांग्रेस विजयी
By भाषा | Published: October 3, 2021 09:36 PM2021-10-03T21:36:20+5:302021-10-03T21:36:20+5:30
कोलकाता, तीन अक्टूबर पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की शानदार जीत के पांच महीने बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भवानीपुर उपचुनाव में रविवार को 58,835 मतों के अंतर से शानदार जीत हासिल की।
उनकी जीत की खुशी को राज्य में दो और उपचुनाव, जंगीपुर तथा शमशेरगंज के नतीजों ने और बढ़ा दिया। टीएमसी के जाकिर हुसैन ने जंगीपुर में एकतरफा मुकाबले में 92,480 मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की। वहीं, शमशेरगंज में टीएमसी उम्मीदवार अमीरुल इस्लाम ने 26,379 मतों के अंतर से जीत दर्ज की।
ममता ने यह शानदार जीत, इस साल की शुरूआत में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर बहुत कम मतों के अंतर से हारने के बाद दर्ज की है। साथ ही, कोलकाता शहरी क्षेत्र में भवानीपुर सीट से ममता की इस जीत ने राज्य में उनकी लोकप्रियता को भी बयां किया है।
दक्षिण कोलकाता की भवानीपुर सीट पर टीएमसी उम्मीदवार ममता बनर्जी को 85,263 वोट मिले। वहीं, उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रियंका टिबरेवाल को 26,428 मत मिले, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के श्रीजीव विश्वास को 4226 मत मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं भवानीपुर और पश्चिम बंगाल के लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जो इन नतीजों का इंतजार कर रहे थे। नंदीग्राम में मुझे हराने के लिए जो षड्यंत्र रचा गया था, उसका भवानीपुर की जनता ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। मैं अदालत में विचाराधीन मामले पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहती। मतगणना समाप्त हो गई है, और हमने सीट जीत ली है।’’
मुख्यमंत्री, नंदीग्राम सीट पर अपने पूर्व सहयोगी एवं भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हार गई थीं, जो अब राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। हालांकि, इस हार के बाद ममता ने चुनाव परिणाम को कानूनी चुनौती दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह पहली बार है जब हमने इस निर्वाचन क्षेत्र के सभी (नगरपालिका) वार्डों में जीत हासिल की है। इस बार जीत का अंतर बहुत ज्यादा है।’’
ममता बनर्जी ने छह महीने के भीतर चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग को धन्यवाद दिया। उन्होंने दावा किया, ‘‘जब से बंगाल में विधानसभा चुनाव शुरू हुए, केंद्र ने हमें सत्ता से हटाने की साजिश रची।’’ बनर्जी ने 2011 से इस सीट पर तीन बार जीत दर्ज की है।
नंदीग्राम में ममता की हार के बाद, राज्य के मंत्री सोभनदेब चट्टोपाध्याय ने विधानसभा में उनकी वापसी की राह आसान बनाने के लिए भवानीपुर सीट खाली कर दी थी। टीएमसी ने अप्रैल-मई में हुए विधानसभा चुनाव में करीब 28,000 मतों के अंतर से भवानीपुर सीट जीती थी। इस सीट पर 2011 के बाद से ही टीएमसी का कब्जा है।
भवानीपुर महानगर कोलकाता की भाषाई और जातीय विविधता को दर्शाता है और यहां बांग्ला भाषी लोगों के साथ-साथ पंजाबी, गुजराती और हिंदी भाषी लोगों की अच्छी खासी आबादी है।
टिबरेवाल ने अंतिम चक्र की मतगणना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने लोगों के फैसले को पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार कर लिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि टीएमसी ने चुनावी धांधली की।
टिबरेवाल ने दावा किया, ‘‘मैं जनता के फैसले को स्वीकार करती हूं, दीदी को मेरी बधाई। मैंने लड़ाई लड़ी...दीदी (बनर्जी) की जीत के बारे में निश्चिंत होने के बावजूद टीएमसी ने बड़े पैमाने पर चुनावी धांधली की। मैंने मतदान के दिन इसका खुलासा किया था।’’
जंगीपुर में टीएमसी उम्मीदवार जाकिर हुसैन को 1,36,444 मत मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी, भाजपा के सुजीत दास को 43,964 वोट मिले। हुसैन को 92,480 मतों के अंतर से विजयी घोषित किया गया। रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के जेन आलम मियां के अलावा कोई भी प्रत्याशी चार अंकों तक नहीं पहुंचा।
शमशेरगंज में टीएमसी उम्मीदवार अमीरुल इस्लाम ने 26,379 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। इस्लाम को 96,417 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के जायदुर रहमान को 70,038 वोट मिले।
इस दौरान, तृणमूल काग्रेस के समर्थक जीत का जश्न मनाने सड़कों पर उतर आए। वहीं, दूसरी ओर भाजपा और माकपा के कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा।
इस बीच, चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को चुनाव के बाद की हिंसा की किसी भी घटना को रोकने के लिए जीत के जश्न और जुलूस पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।
साल की शुरूआत में हुए चुनाव में, भाजपा ने 292 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा में 77 सीटों, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने 213 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
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