Breaking: मराठा समाज को नौकरी व शिक्षा में आरक्षण पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, उद्धव सरकार को राहत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 5, 2020 11:46 IST2020-02-05T11:42:46+5:302020-02-05T11:46:00+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रोक का अंतरिम आदेश जारी नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट 17 मार्च से मामले में अंतिम सुनवाई करेगा।

SC ने मराठा आरक्षण पर रोक से किया इनकार
महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण के मामले में राज्य सरकार को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रोक का अंतरिम आदेश जारी नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट 17 मार्च से मामले में अंतिम सुनवाई करेगा।
Supreme Court says it will start from March 17 the final hearing of the petitions challenging the constitutional validity of a Maharashtra law that grants reservation to the Maratha community in education and jobs. pic.twitter.com/aZHNeJlDIz
— ANI (@ANI) February 5, 2020
बता दें कि मराठा आरक्षण का विरोध करने वाले पक्षकारों में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द दातार ने कहा था कि इस मामले में सुनवाई की जरूरत है क्योंकि महाराष्ट्र का यह कानून शीर्ष अदालत द्वारा सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण के लिये निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन करता है।
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 12 जुलाई को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग कानून, 2018 की संवैधानिक वैधता पर विचार करने का निश्चय किया था इसी कानून के तहत राज्य में शिक्षा और नौकरियों में मराठा समुदाय को आरक्षण देने का फैसला किया गया है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने कुछ बदलावों के साथ इस कानून को सही ठहराने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि यह आरक्षण 2014 से लागू करने का उच्च न्यायालय का आदेश प्रभावी नहीं होगा। शीर्ष अदालत के आदेश में इस कानून को पिछली तारीख से लागू करने से इंकार कर दिया था। न्यायालय ने यह आदेश उस वक्त दिया जब एक वकील ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने 2014 से करीब 70, 000 रिक्तियों में आरक्षण लागू करने का आदेश दिया है। पीठ उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली पांच याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इनमें जे लक्ष्मण राव और अधिवक्ता संजीत शुक्ल भी शामिल हैं।