तमिलनाडु में ‘ब्रेन डेड’ व्यक्ति ने फेफड़े के गंभीर संक्रमण से पीड़ित कोविड-19 रोगी को दी नई जिंदगी
By भाषा | Published: August 29, 2020 07:16 PM2020-08-29T19:16:51+5:302020-08-29T19:16:51+5:30
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि 34 वर्षीय ब्रेन डेड व्यक्ति की पत्नी शहर के अस्पतालों में विभिन्न मरीजों के लिए उनका हृदय, यकृत और त्वचा दान करने के लिए भी सहमत हो गईं जिसके बाद यह संभव हो गया।
चेन्नई/मुंबईः तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में दिमागी तौर पर मृत (ब्रेन डेड) एक व्यक्ति ने फेफड़े के गंभीर संक्रमण से पीड़ित एक कोविड-19 रोगी को नयी जिंदगी दी।
उनके फेफड़े और अन्य अंग विभिन्न जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपित किए गए हैं, जिसके बाद एक हादसे में अपने दोनों हाथ गंवा चुकी मुंबई की एक युवा महिला को भी एक नई उम्मीद मिली है। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि 34 वर्षीय ब्रेन डेड व्यक्ति की पत्नी शहर के अस्पतालों में विभिन्न मरीजों के लिए उनका हृदय, यकृत और त्वचा दान करने के लिए भी सहमत हो गईं जिसके बाद यह संभव हो गया।
मुंबई में 12 जनवरी 2014 को घाटकोपर रेलवे स्टेशन पर एक दुर्घटना में अपने दोनों हाथ गंवाने वाली एक महिला को इस ब्रेन डेड व्यक्ति के दोनों हाथ लगाए जाएंगे जिसके लिये अंगों को विमान से मुंबई ले जाया गया। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि मृतक के अंगदान के कारण एक से अधिक जरूरतमंद मरीजों को लाभ मिला।
मरीज को अंत:मस्तिष्कीय रक्तस्राव के बाद चेन्नई के ग्लेनईगल्स ग्लोबल अस्पताल में डॉक्टरों ने बृहस्पतिवार को दिमागी तौर पर मृत घोषित कर दिया था। पत्नी की सहमति के बाद, उस व्यक्ति के अंगों को विभिन्न अस्पतालों को आवंटित किया गया। ग्लोबल अस्पताल चेन्नई ने यकृत को अपने पास रखा, जबकि हृदय, फेफड़े, गुर्दे और त्वचा शहर के विभिन्न अस्पतालों में दान किए गए। उनके हाथ मुम्बई के उपनगरीय क्षेत्र की एक युवती मोनिका मोरे के पास गए, जो कृत्रिम हाथों का उपयोग कर रही थी और अगर सर्जरी सफल रही तो उसे जल्द ही वास्तविक हाथ मिल जाएंगे।
यहां एमजीएम हेल्थकेयर अस्पताल में हृदय और फेफड़े के प्रत्यारोपण के लिए सर्जरी की गई। संयोग से, फेफड़े के गंभीर संक्रमण से पीड़ित दिल्ली के 48 वर्षीय कोविड-19 मरीज में सफलतापूर्वक फेफड़े का जटिल प्रत्यारोपण किया गया। एमजीएम हेल्थकेयर अस्पताल में मरीज की सर्जरी की गई।
अस्पताल का दावा है कि किसी कोविड-19 रोगी के दोनों तरफ के फेफड़ों के प्रत्यारोपण का यह पहला मामला है। अस्पताल ने एक बयान में कहा, प्रत्यारोपण 27 अगस्त को किया गया और एमजीएम हेल्थकेयर के ट्रांसप्लांट आईसीयू में प्रत्यारोपण के बाद मरीज की हालत में सुधार हो रहा है। कोविड-19 संबंधित जटिलताओं के कारण रोगी के फेफड़े गंभीर रूप से खराब हो गए थे। व्यक्ति आठ जून को संक्रमित पाया गया था।