जीवनसाथी द्वारा आत्महत्या की धमकी देना या प्रयास करना ‘क्रूरता’ के समान, बंबई उच्च न्यायालय ने कहा-पति या पत्नी की ओर से ऐसा कृत्य तलाक के लिए पर्याप्त

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 27, 2025 15:37 IST2025-03-27T15:36:24+5:302025-03-27T15:37:16+5:30

पारिवारिक न्यायालय में तलाक देने का अनुरोध करते हुए कहा कि यह हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों के तहत क्रूरता है।

Bombay High Court said Threatening or attempting suicide spouse amounts 'cruelty' such act part either husband or wife is sufficient for divorce | जीवनसाथी द्वारा आत्महत्या की धमकी देना या प्रयास करना ‘क्रूरता’ के समान, बंबई उच्च न्यायालय ने कहा-पति या पत्नी की ओर से ऐसा कृत्य तलाक के लिए पर्याप्त

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Highlightsसाक्ष्य पर्याप्त रूप से यह प्रदर्शित करते हैं कि पति द्वारा क्रूरता का किया गया दावा सही है। पति या पत्नी की ओर से ऐसा कृत्य क्रूरता होगा और यह तलाक के लिये पर्याप्त होगा।कोई त्रृटि नहीं है, इसलिए फैसले में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

मुंबईः बंबई उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई के दौरान व्यवस्था दी कि जीवनसाथी द्वारा आत्महत्या की धमकी देना या प्रयास करना ‘क्रूरता’ के समान है और यह तलाक का वैध आधार है। उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ के न्यायमूर्ति आर एम जोशी ने पिछले महीने अपने आदेश में एक दंपति के विवाह को भंग करने संबंधी पारिवारिक अदालत के आदेश को बरकरार रखा। महिला ने पारिवारिक अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। पति ने पारिवारिक अदालत में तलाक की अर्जी देते हुए आरोप लगाया था कि पत्नी ने उसे और उसके परिवार को आत्महत्या करके जेल भेजने की धमकी दी थी। उसने पारिवारिक न्यायालय में तलाक देने का अनुरोध करते हुए कहा कि यह हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों के तहत क्रूरता है।

उच्च न्यायालय की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि पति और अन्य गवाहों द्वारा पारिवारिक न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्य पर्याप्त रूप से यह प्रदर्शित करते हैं कि पति द्वारा क्रूरता का किया गया दावा सही है। अदालत ने कहा कि व्यक्ति ने न केवल यह आरोप लगाया है कि पत्नी उसे और उसके परिवार को आत्महत्या करके जेल भेजने की धमकी देती थी, बल्कि वास्तव में एक बार उसने अपनी जान लेने का प्रयास भी किया था। उच्च न्यायालय ने कहा कि पति या पत्नी की ओर से ऐसा कृत्य क्रूरता होगा और यह तलाक के लिये पर्याप्त होगा।

पीठ ने तलाक देने के पारिवारिक न्यायालय के आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया और कहा कि इसमें कोई त्रृटि नहीं है, इसलिए फैसले में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। मामले के अनुसार, दंपति की शादी अप्रैल 2009 में हुई थी और उनकी एक बेटी भी है। व्यक्ति ने दावा किया कि उसके ससुराल वाले अक्सर उसके घर आते थे और उसके वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करते थे।

पति के मुताबिक 2010 में पत्नी उसका घर छोड़कर अपने मायके चली गई और वापस आने से इनकार कर दिया। व्यक्ति ने यह भी दावा किया कि उसकी पत्नी ने आत्महत्या की धमकी दी थी तथा एक बार तो उसने अपनी जान लेने का प्रयास भी किया था।

उसने आरोप लगाया कि पत्नी ने ससुराल पक्ष के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराकर उन्हें जेल भिजवाने की भी धमकी दी थी। महिला ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि पति और ससुर उससे दुर्व्यवहार करते थे जिसकी वजह से वह ससुराल छोड़कर मायके चली गई। उसने पति के साथ क्रूरता से इनकार किया।

Web Title: Bombay High Court said Threatening or attempting suicide spouse amounts 'cruelty' such act part either husband or wife is sufficient for divorce

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