209 लोगों की हत्या करने वाले आतंकी को हाईकोर्ट ने दी एलएलबी की परीक्षा देने की इजाजत
By अंजली चौहान | Published: April 26, 2023 03:12 PM2023-04-26T15:12:39+5:302023-04-26T15:26:35+5:30
साल 2006 में मुम्बई में कई ट्रेनों में बम धमाका करने का दोषी साजिद अंसारी जेल में सजा काट रहा है और साथ में वकालत की पढ़ाई कर रहा है।
मुंबई: महाराष्ट्र में 11 जुलाई 2006 को हुए मुंबई ट्रेन बम धमाके ने पूरे राज्य को दहला कर रख दिया था। एक के बाद एक सात धमाकों से दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी।
आंकड़ों के अनुसार, बम धमाके में करीब 209 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बम पश्चिम रेलवे के मुंबई डिवीजन के वेस्टर्न लाइन सबअर्बन सेक्शन पर चलने वाली ट्रेनों में प्रेशर कुकर में रखे गए थे।
इस मामले में मोहम्मद साजिद मरगुब अंसारी दोषी पाया गया था जो जेल में सजा काट रहा है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी मोहम्मद साजिद मरगुब अंसारी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति सुनील बी शुकरे और न्यायमूर्ति एमएम साथाये की खंडपीठ ने मुंबई ट्रेन बम धमाके के आरोपी अंसारी को एलएलबी परीक्षा देने की अनुमति दे दी है।
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए कि पिछले अवसर पर आवेदक को सशर्त अनुमति दी गई थी और आवेदक द्वारा उन शर्तों के उल्लंघन की कोई शिकायत नहीं की गई है इसलिए हम अंसारी को पहले की तरह ही समान शर्तों पर अनुमति देते हैं।
दरअसल, अंसारी की सिद्धार्थ कॉलेज ऑफ लॉ में अप्रैल से लेकर मई तक परीक्षा होने वाली है जिसके संबंध में उसने कोर्ट से अनुमति मांगी थी और उसे कोर्ट ने अनुमति दे दी है।
अंसारी की ये परीक्षाएं 24 अप्रैल, 2023, 27 अप्रैल, 2 मई और 4 मई को आयोजित होने वाली है। अंसारी को एलएलबी तृतीय वर्ष के सेमेस्टर दो के सभी चार पेपरों को देने की अनुमति मिल गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले साल 2022 में भी बंबई उच्च न्यायालय ने अंसारी को एलएलबी सेमेस्टर 1 परीक्षा देने के लिए अनुमति दी थी। हालांकि, कोर्ट ने अपनी कुछ शर्तें जरूर रखी थी।
इन शर्तों के मुताबिक, अंसारी को एक अलग परीक्षा कक्ष में रखा जाना था ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
दूसरा, कोर्ट ने कॉलेज को अंसारी को परीक्षा देने के लिए एक अलग कमरे की उपलब्धता के बारे में पूछताछ करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सुरक्षाकर्मियों के साथ उसे ऐसा कमरा उपलब्ध कराया जाएगा।
तीसरा, नासिक केंद्रीय कारागार जहां अंसारी को कैद किया गया था। वहां के अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वह उन्हें अपने खर्चे पर मुंबई जाने और वापस आने की अनुमति दें।