बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, 25 हफ्ते की गर्भवती नाबालिग रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की मंजूरी दी

By भाषा | Published: July 1, 2020 02:50 PM2020-07-01T14:50:37+5:302020-07-01T14:50:37+5:30

बंबई हाई कोर्ट ने गर्भपात का आदेश देते हुए कहा कि बलात्कार के कारण लड़की गर्भवती हुई और इस अवस्था को जारी रखने से उसके मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर आघात हो रहा है।

Bombay High Court allows abortion of 25 week pregnancy for minor rape victim | बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, 25 हफ्ते की गर्भवती नाबालिग रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की मंजूरी दी

कोर्ट ने रेप पीड़िता नाबालिग लड़की को गर्भपात कराने की दी इजाजत (फाइल फोटो)

Highlightsबंबई हाई कोर्ट ने 17 साल की बलात्कार पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दीपीड़िता 25 सप्ताह की गर्भवती है, रेप के दोषियों के खिलाफ मुंबई के वाकोला पुलिस थाने में मामला दर्ज है

बंबई उच्च न्यायालय ने 17 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है। वह 25 सप्ताह की गर्भवती है और सरकारी केईएम अस्पताल ने गर्भपात न कराने की सलाह दी थी लेकिन इसके बावजूद अदालत ने गर्भपात की मंजूरी दे दी है। न्यायमूर्ति के के तातेड़ और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने लड़की के पिता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को यह आदेश दिया।

याचिका में लड़की का गर्भपात कराने की मंजूरी मांगी गई थी जो अभी 25 सप्ताह की गर्भवती है। याचिका के अनुसार लड़की के साथ बलात्कार हुआ था और दोषियों के खिलाफ मुंबई के वाकोला पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। चिकित्सीय गर्भपात कानून के प्रावधानों के तहत अगर कोई महिला 20 हफ्ते से अधिक की गर्भवती है तो उसे गर्भपात की अनुमति नहीं है और उसे ऐसा करने के लिए उच्च न्यायालय से अनुमति लेनी होगी।

पीड़िता ने अपनी याचिका में चिकित्सीय गर्भपात की अनुमति मांगते हुए कहा कि उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को खतरा है। अदालत ने गत सप्ताह याचिकाकर्ता को जांच के लिए मुंबई के केईएम अस्पताल के चिकित्सा बोर्ड के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए थे और बोर्ड से रिपोर्ट मांगी थी।

बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में गर्भपात न कराने की सलाह दी और कहा कि अगर गर्भावस्था जारी रहती है तो स्वस्थ बच्चे का जन्म कराया जा सकता है और याचिकाकर्ता और उसका परिवार फिर फैसला ले सकते हैं कि वे बच्चे की देखभाल करना चाहते हैं या उसे गोद देना चाहते हैं।

बोर्ड ने कहा कि याचिकाकर्ता मनोवैज्ञानिक सहयोग और काउंसिलिंग के साथ बच्चे की देखभाल करने में सक्षम होनी चाहिए। बहरहाल पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मौजूदा मामले में बलात्कार के कारण लड़की गर्भवती हुई और इसमें कोई शक नहीं है कि इस गर्भावस्था को जारी रखने से याचिकाककर्ता के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर आघात हो रहा है।

अदालत ने याचिकाकर्ता को चिकित्सीय गर्भपात कराने की मंजूरी दे दी। अदालत ने कहा, ‘‘अगर गर्भपात के दौरान बच्चे का जीवित रहते हुए जन्म होता है और अगर याचिकाकर्ता तथा उसके माता-पिता बच्चे की जिम्मेदारी लेना नहीं चाहते या इस स्थिति में नहीं हैं तो राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियों को बच्चे की पूरी जिम्मेदारी उठानी होगी।’’

Web Title: Bombay High Court allows abortion of 25 week pregnancy for minor rape victim

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