'मुआवजे के लिए विधवा बने रहना जरूरी नहीं', बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीमा कंपनी को लगाई फटकार, जानें मामला

By भाषा | Published: April 1, 2023 03:32 PM2023-04-01T15:32:26+5:302023-04-01T15:46:34+5:30

अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड से ऐसा प्रतीत होता है कि पति की मृत्यु के समय महिला की उम्र केवल 19 वर्ष थी। अदालत ने कहा कि हादसे में जान गंवाने वाले शख्स की पत्नी होना ही उसके लिए मुआवजा पाने का पर्याप्त आधार है।

bombay HC Remarriage of road accident victim's widow cannot be a reason for denial of compensation | 'मुआवजे के लिए विधवा बने रहना जरूरी नहीं', बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीमा कंपनी को लगाई फटकार, जानें मामला

'मुआवजे के लिए विधवा बने रहना जरूरी नहीं', बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीमा कंपनी को लगाई फटकार, जानें मामला

Highlightsइफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने एमएसीटी आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। एमएसीटी ने कंपनी को उस महिला को मुआवजा देने का निर्देश दिया था, पति की मौत 2010 में हुई थी।बीमा कंपनी ने दावा किया कि वह दोबारा शादी कर ली इसलिए मुआवजे की हकदार नहीं।

मुंबईः बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि सड़क हादसे में अपने पति को खोने वाली महिला अगर दूसरी शादी कर लेती है तो इस कारण से उसे मोटर वाहन अधिनियम के तहत मुआवाजा देने से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसी के साथ अदालत ने बीमा कंपनी की याचिका खारिज कर दी।

इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। एमएसीटी ने कंपनी को उस महिला को मुआवजा देने का निर्देश दिया था, जिसके पति की 2010 में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी।

न्यायमूर्ति एसजी डिगे की एकल पीठ ने तीन मार्च को कंपनी की अपील का निपटारा कर दिया। इसका विस्तृत आदेश हाल में उपलब्ध हुआ था। कंपनी के वकील ने दावा किया था कि मृतक गणेश की पत्नी ने उसकी मौत के बाद दोबारा शादी कर ली है, लिहाजा वह मुआवजे की हकदार नहीं है। अदालत ने बीमा कंपनी को फटकार लगाते हुए कहा कि किसी को यह अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए कि अपने पति की मौत का मुआवजा लेने के लिए वह विधवा के तौर पर जिंदगी गुजारेगी।

अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड से ऐसा प्रतीत होता है कि पति की मृत्यु के समय महिला की उम्र केवल 19 वर्ष थी। अदालत ने कहा कि हादसे में जान गंवाने वाले शख्स की पत्नी होना ही उसके लिए मुआवजा पाने का पर्याप्त आधार है। 

Web Title: bombay HC Remarriage of road accident victim's widow cannot be a reason for denial of compensation

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