बिहार में कोरोना कहर के बीच ब्लैक फंगस ने दी दस्तक, पांच मरीजों की हुई पहचान, फैला दहशत
By एस पी सिन्हा | Published: May 29, 2021 05:28 PM2021-05-29T17:28:36+5:302021-05-29T17:28:36+5:30
एम्स के डॉक्टर संजीव कुमार बताते हैं कि कोरोना के कारण बिना किसी डॉक्टर के सलाह के स्टेरॉयड लेना ब्लैक फंगस का कारण बन सकता है।
महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और मध्य प्रदेश के बाद अब ब्लैक फंगस ने बिहार में ब्लैक फंगस ने चिंता बढ़ा दी है। कोरोना संक्रमण से जूझ रहे बिहारवासियों पर अब खतरनाक ब्लैक फंगस ने दस्तक दे दी है। राजधानी पटना में इसके 5 मरीजों की पहचान की गई है। पटना एम्स में 4 और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान(आईजीआईएमएस) में भर्ती एक मरीज में ब्लैक फंगस मिला है।
कोरोना को मात देने वालों में इसका अटैक देखने को मिलता है। बताया जाता है कि ब्लैक फंगस नाक, आंख, दिमाग पर सीधा हमला करता है। कई मामलों में तो संक्रमितों की आंखें तक निकालनी पडती हैं। ब्लैक फंगस में मृत्यु की दर 50 फीसदी है। डॉक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस कोशिकाओं को नष्ट करने के साथ रोगी की हड्डियां तक गला देता है।
कोरोना काल में संक्रमण के कारण अचानक से ऐसे मामले बढे हैं। इसमें शुगर हाई होना, स्टेरॉयड का हाईडोज लेना, बिना एक्सपर्ट की निगरानी के डेक्सोना जैसे स्टेरॉयड की हाई डोज लेना बड़ा कारण बन सकता है। ब्लैक फंगस के लिए यह बडा कारण हो सकता है। डॉक्टर की मानें तो ब्लैक फंगस का संक्रमण काफी खतरनाक होता है।
डॉक्टर संजीव का कहना है कि म्यूकर माइकोसिस को ही ब्लैक फंगस कहते हैं। पटना में जिन 5 संक्रमितों में यह पाया गया है उसमें 4 एम्स और एक आईजीआईएमएस में है। आईजीआईएमएस में भर्ती संक्रमित की हालत गंभीर बताई जा रही है। मरीज को आईसीयू में विशेष निगरानी में रखा गया है।
डॉक्टर संजीव का कहना है कि ऐसे मरीजों पर जान का खतरा अधिक होता है। इस कारण से विशेष निगरानी की जाती है। यह कोरोना संक्रमितों के साथ वायरस को हरा चुके लोगों में भी इसका इफेक्ट देख जा रहा है। डॉक्टर ने कहा कि नाक बंद होना या सूख जाना, आंखों में सूजन और दर्द होना, पलकों का गिरे रहना या फिर पलकों में ताकत नहीं लगना या आंखों से धुंधला दिखाई देना ही ब्लैक फंगस का मुख्य लक्षण है।
उधर, कोरोना के जारी कहर के बीच एक और आईएएस अधिकारी रामेश्वर पांडेय की मौत हो गई है। रामेश्वर पांडेय बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग में निदेशक के पद पर तैनात थे। वे 2008 बैच के आईएएस अधिकारी थे। 59 साल के रामेश्वर पांडेय बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे औऱ प्रोन्नति पाकर आईएएस बने थे।
इस तरह बिहार में अब तक पांच आईएएस अधिकारियों की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई है। इससे पहले मंगलवार की देर शाम रिटायर्ड आईएएस अधिकारी कुंवर जंग बहादुर की भी मौत हो गई।