श्रीनगर: पीडीपी अध्यक्ष एवं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को उनके विरुद्ध जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत लगाए गए आरोपों को इस केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा हटा लिए जाने के बाद मंगलवार रात रिहा कर दिया गया। रिहा होते ही मुफ़्ती ने ऐलान किया है कि वह अनुच्छेद-370 की बहाली के लिए वे फिर से संघर्ष शुरू करेंगी। उन्होंने 1 मिनट 23 सेकेंड का एक ऑडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि उस काले दिन का काला फैसला उनके दिमाग में खटकता रहा है। महबूबा ने कहा, 'मैं आज एक साल से भी ज्यादा अर्से के बाद रिहा हुई हूं। इस दौरान 5 अगस्त 2019 के उस काले दिन का काला फैसला हर पल मेरे दिल और रूह पर हर पल वार करता रहा। मुझे एहसास है कि यही कैफियत जम्मू-कश्मीर के लोगों की रही होगी। हम में से कोई भी शख्स उस दिन की बेइज्जती को भूल नहीं सकता।'
उन्होंने आगे कहा, 'दिल्ली दरबार ने गैर कानूनी, गैर लोकतांत्रिक और गैर कानूनी तरीके से हमसे छीन लिया, उसे वापस लेना होगा। बल्कि उसके साथ-साथ कश्मीर के मसले को हल करने के लिए जद्दोजहद जारी रखनी होगी, जिसके लिए हजारों लोगों ने अपनी जानें न्योछावर की। मैं मानती हूं कि यह रास्ता आसान नहीं है, मुझे यकीन है कि हौसले से यह दुश्वार रास्ता भी तय होगा। आज जब मुझे रिहा किया गया है, मैं चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के जितने भी लोग देश की जेलों में बंद हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए।'
बता दें कि महबूबा (60) को पिछले साल पांच अगस्त को पहले एहतियाती हिरासत में रखा गया था और बाद में छह फरवरी को उन पर कठोर पीएसए कानून लगा दिया गया। उन्हें सात अप्रैल को उनके सरकारी निवास में ले जाया गया जिसे प्रशासन ने पहले उप-जेल घोषित किया था। उनकी बेटी इल्तिजा ने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि उनकी मां आखिरकार हिरासत से मुक्त कर दी गयीं।
बेटी इल्तिजा, NC नेता उमर अब्दुल्ला सहित इन नेताओं ने खुशी जाहिर की
इल्तिजा ने हिरासत को ‘‘अवैध, गैर कानूनी’’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अब आशा करती हूं कि केंद्रशासित प्रदेश और उसके बाहर विभिन्न जेलों में साल भर से रखे गए युवा भी शीघ्र ही रिहा किए जाएंगे।’’ जम्मू कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने 14 महीने बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को रिहा किए जाने का स्वागत किया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘ मुझे यह सुनकर खुशी हुई कि महबूबा मुफ्ती साहिबा को एक साल से अधिक समय बाद हिरासत से रिहा कर दिया गया। उनकी निरंतर हिरासत हास्यास्पद और लोकतंत्र के मूल तत्वों के विरूद्ध थी। बाहर आने पर महबूबा का स्वागत।’’ माकपा नेता मोहम्मद तारिगामी ने कहा कि मुफ्ती की रिहाई स्वागत योग्य राहत है लेकिन प्रशासन को पांच अगस्त से पूर्व हिरासत में लिए गए सभी अन्य बंदियों के बारे में भी विचार करना चाहिए। इल्तिजा पीएसए के तहत अपनी मां को निरंतर हिरासत में रखे जाने के खिलाफ पिछले महीने भी उच्चतम न्यायालय गयी थीं।