महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी भाजपा से केवल मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर ही बातचीत करेगा। राज्य में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से दोनों गठबंधन साझीदारों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर गतिरोध बना हुआ है।
राउत ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ गतिरोध जारी है। सरकार गठन को लेकर अभी कोई बातचीत नहीं हुई है। अगर बातचीत होगी, तो केवल मुख्यमंत्री पद को लेकर ही होगी।’’ वहीं शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के साप्ताहिक स्तंभ में राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन पर राजनीतिक गतिरोध ‘‘अहंकार के कीचड़ में फंसे एक रथ’’ की तरह है।
उन्होंने साप्ताहिक स्तंभ में राउत भाजपा को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा कर दिखाने की चेतावनी देते हुए कहा कि यह कदम पार्टी की ‘‘ सदी की सबसे बड़ी हार ’’ होगी। उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि वे लोग ऐसा करने की बात कर रहे हैं जो इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल को ‘काले दिवस’ के रूप में मनाते हैं।
शिवसेना का यह बयान भाजपा के मुख्यमंत्री पद साझा ना करने के अपने रुख पर अड़े रहने और पार्टी के नेता सुधीर मुंगंतीवार के सात नवम्बर तक नई सरकार का गठन ना होने पर राज्य में राष्ट्रपति शासन की तरफ बढ़ने की बात कहने के बाद आया है।
शिवसेना नेता संजय राउत का दावा, 'हमें 170 से ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल है'
शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी को 170 विधायकों का समर्थन हासिल है। राउत ने बीजेपी के साथ जारी खींचतान के बीच रविवार को एएनआई से कहा, '170 से ज्यादा विधायक हमारा (शिवसेना) समर्थन कर रहे हैं और ये आंकड़ा 175 तक भी पहुंच सकता है।' महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीती हैं, जबकि बहुमत के लिए 145 सीटें होना आवश्यक हैं।