कांग्रेस का आरोप बीजेपी गिराना चाहती है राजस्थान सरकार, गहलोत ने कहा-सरकार को खतरा नहीं
By शीलेष शर्मा | Published: June 11, 2020 05:56 AM2020-06-11T05:56:39+5:302020-06-11T05:56:39+5:30
राजस्थान में कांग्रेस के पास 107 विधायकों का समर्थन है जिसमें 6 वह विधायक भी शामिल हैं जो बसपा से निकल कर पिछले दिनों कांग्रेस में आये थे। गहलोत सरकार को 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है जबकि भाजपा के पास 72 अपने और 6 अन्य का समर्थन है।
नई दिल्ली: गुजरात, मध्यप्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस विधायकों को तोड़ने के बाद भाजपा अब राजस्थान में कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए राज्य सभा चुनाव से ठीक पहले विधायकों को तोड़ने की कोशिश में जुटी है। राज्य के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा की इस कोशिश को नाकाम करने के लिए अपने किले को सुरक्षित कर लिया है। उन्होंने दावा किया की सभी विधायक एक जुट हैं और भाजपा की कोशिश को कांग्रेस सफल नहीं होने देगी।
इस नए राजनैतिक संकट को देखते हुए पार्टी नेतृत्व ने रणदीप सुरजेवाला और महासचिव के सी वेणुगोपाल को जयपुर रवाना कर दिया है ताकि वे गेहलोत के साथ विधायकों को एक जुट रखने में मदद कर सकें। कांग्रेस के सामने राज्य में दोहरी चुनौती है , एक तरफ गुजरात से आये 19 काँग्रेसी विधायकों को एक जुट रखना है तो दूसरी ओर राज्य के काँग्रेसी विधयकों को एक जुट रखने की चुनौती है।
राजस्थान विधानसभा का क्या है गणित
इस समय राजस्थान में कांग्रेस के पास 107 विधायकों का समर्थन है जिसमें 6 वह विधायक भी शामिल हैं जो बसपा से निकल कर पिछले दिनों कांग्रेस में आये थे। गहलोत सरकार को 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है जबकि भाजपा के पास 72 अपने और 6 अन्य का समर्थन है। सूत्र बताते हैं की भाजपा कांग्रेस के उन विधायकों पर डोरे डाल रही है जो या तो निर्दलीय हैं या फिर बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
कांग्रेस के मुख्यसचेतक महेश जोशी ने राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को पत्र लिख कर इस पूरे मामले की जांच करने को कहा है यह आरोप लगते हुए कि भाजपा ने जैसे मध्यप्रदेश , गुजरात और कर्नाटक में तोड़ फोड़ की उसी तर्ज पर राजस्थान में भी प्रलोभन देकर विधायकों की खरीद फरोख्त करने की कोशिश की जा रही है ताकि चुनी हुई सरकार को अस्थिर किया जा सके।