कर्नाटक हराने वाले चुनाव विशेषज्ञ को बीजेपी ने सौंप दी 2019 लोकसभा चुनाव की कमान, ट्रेनिंग प्रोग्राम लीक
By खबरीलाल जनार्दन | Published: June 17, 2018 03:13 PM2018-06-17T15:13:51+5:302018-06-18T08:04:40+5:30
बीजेपी अपने पहले चरण में 10 लाख कार्यकर्ताओं को ट्रेंड कर चुकी है। दूसरे चरण को इस वर्ष के अंत तक पूरा करने का इरादा है।
नयी दिल्ली, 17 जून: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 2019 में 50 फीसदी वोट अकेले पाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए अभी से एड़ी-चोटी का दम लगा दिया है। इसके तहत एक बेहद महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। लेकिन इसकी प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी कर्नाटक में बीजेपी को जादूई आंकड़े तक ना पहुंचा पाने वाले को सौंप दी। असल में बीजेपी इस साल के आखिर तक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के ट्रेनिंग प्रोग्राम के दूसरे चरण को पूरा करने पर जोर दे रही है। इस सिलसिले में पार्टी नेताओं को मीडिया से रूबरू होने के लिए विस्तार से दिशानिर्देश जारी किये गए हैं। उन्हें सफलता के गुर सुझाये गए हैं। इसका जिम्मा कर्नाटक में येदियुरप्पा की सरकार बनवाने के बाद गिरा देने वाले चुनाव मर्मज्ञ बीजेपी के प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रभारी व पार्टी महासचिव मुरलीधर राव हैं। मुरलीधर राव ही कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी के चाणक्य थे।
बीच में ऐसी चर्चा हुई थी कि इस भूमिका में सुनील देवधर हो सकते हैं। क्योंकि उन्होंने आजादी के बाद पहली बार त्रिपुरा में कमल खिला दिया था। लेकिन बीजेपी ने प्रशांत किशोर, सुनील देवधर सरीखे नामों को छोड़कर अपना खुद का ट्रेनिंग प्रोग्राम ले आई है और इसके लिए सबसे काबिल आदमी उनके पास फिलहाल मुरलीधर राव हैं।
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में केंद्र सरकार के कार्यक्रमों, उनकी योजनाओं, लक्ष्य और जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने की तैयारी का ब्यौरा है। इसमें राज्य सरकारों की उपलब्धियों और सुशासन एवं विकास के संदर्भ में कार्यक्रमों को भी जोड़ा गया है ताकि मीडिया एवं अन्य माध्यमों के जरिये जनता से संवादको मजबूत बनाया जाए और विपक्ष के दुष्प्रचार का मुकाबला किया जा सके।- मुरलीधर राव भाषा से
बीजेपी ने छापी पुस्तिका हर नेता को पढ़नी जरूरी, अब बीजेपी नेता ऐसे करेंगे बात
अभी कुछ दिन पहले ही बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय महाप्रशिक्षण अभियान’ से जुड़ी दिशानिर्देश पुस्तिका जारी की। भाषा को भाजपा के प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के एक पदाधिकारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण पुस्तिका एवं दिशानिर्देश के दो आयाम हैं। इसमें पहला आयाम सिद्धांत से जुड़ा है और दूसरा तकनीकी आयाम है।
प्रशिक्षण दिशानिर्देश पुस्तिका में ‘द मीडिया: एप्रेच एंड स्ट्रैटजी’ नाम का पूरा एक हिस्सा है। इसमें पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपना आचार व्यवहार सौम्य, शांत रखना चाहिए और मृदुभाषी रखने के बारे में पाठ पढ़ाया गया है। यहां तक कि चुनाव प्रचार के दौरान दिए जाने वाले भाषणों मीडिया से होने वाले साक्षात्कारों, बातचीत, चर्चाओं आदि में कितना नपा-तुला बोलना यह भी बताया गया है। बताया गया है कि कैसे बस इतना ही बोलें जितने को प्रकाशित या प्रसारित करने में मीडिया के लोगों को ज्यादा मेहनत ना करनी पड़े। अखबारी भाषा में कहें तो ज्यादा संपादन ना करनी पड़ी।
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इसके बाद सोशल मीडिया में चीजों को प्रकाशित करने को लेकर भी अहम सुझाव है। असल में बीजेपी आईटी सेल पर दुष्प्रचार करने के जमकर आरोप लगे हैं। खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई मौकों पर बीजेपी के आईटी सेल को निशाने पर रखा है। ऐसे में बीजेपी चाहती है कि इस मामले में पार्टी की छवि सुधरे। इसलिए कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर किसी टिप्पणी पर उकसावे में नहीं आने, ट्रेंड कर रहे विषय पर नजर रखने आदि के बारे में कहा गया है और बहुत जरूरत पड़ने पर नपा-तुला जवाब देने के बारे में परामर्श दिए गए हैं।
10 लाख कार्यकर्ता हो चुकें हैं ट्रेंड
भाषा को एक बीजेपी ट्रेनिंग सेल के पदाधिकारी ने बताया कि पहले यह पता नहीं चलता था कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में कितने कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इसे देखते हुए पार्टी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में एक साफ्टवेयर तैयार किया गया है जिसे मोबाइल से भी हैंडल किया जा सकता है। अब इसे मंडल स्तर ले जाने की तैयारियां हैं। कुछ मंडलों में यह सॉफ्टवेयर चलने भी लगा है।
जानकारी के अनुसार अभी तक बीजेपी अपने पहले चरण में 10 लाख कार्यकर्ताओं को ट्रेंड कर चुकी है। दूसरे चरण को इस वर्ष के अंत तक पूरा करने का इरादा है। इसका लक्ष्य आने वाले 15 से 20 वर्षो में पंचायत से लेकर संसद तक को ट्रेनिंग दिए जाने का लक्ष्य है।
(भाषा के इनपुट से)