भाजपा फेसबुक यूजर्स को लुभाने के लिए कर रही सबसे अधिक खर्च
By नितिन अग्रवाल | Updated: April 29, 2019 03:06 IST2019-04-29T03:06:38+5:302019-04-29T03:06:38+5:30
भाजपा ने 20 अप्रैल तक फेसबुक के विज्ञापनों के लिए 1.32 करोड़ रुपए खर्च किए. इसके अतिरिक्त भारत के मन की बात के लिए 2.24 करोड़ रुपए. माई फर्स्ट वोट टू मोदी पर 1.08 करोड़ रुपए.

भाजपा फेसबुक यूजर्स को लुभाने के लिए कर रही सबसे अधिक खर्च
लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को रिझाने के लिए राजनीतिक दल अपने प्रचार के लिए जमकर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. सोशल मीडिया में खर्च के मामले में भाजपा सबसे है. फेसबुक के ताजा आंकड़ों के अनुसार भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 6.6 करोड़ रुपए खर्च किए गए.
भाजपा ने 20 अप्रैल तक फेसबुक के विज्ञापनों के लिए 1.32 करोड़ रुपए खर्च किए. इसके अतिरिक्त भारत के मन की बात के लिए 2.24 करोड़ रुपए. माई फर्स्ट वोट टू मोदी पर 1.08 करोड़ रुपए. नेशन विद नमो पर 1.20 करोड़ रुपए और नमो मरचेंडाइज के लिए भी 5.72 लाख रुपए के 48 विज्ञापन दिए गए. इसके अलावा नमो सपोर्टर्स ने 1.97 लाख रुपए खर्च किए. भाजपा की राज्य इकाइयों द्वारा भी अलग से फेसबुक विज्ञापनों पर लाखों रुपए खर्च किए गए.
तीसरे चरण तक 303 सीटों के लिए मतदान हुआ. इसके लिए भाजपा और उसके समर्थन में 16 हजार से अधिक विज्ञापन दिए गए. इस दौरान कांग्रेस ने 55.68 लाख खर्च करके 2202 और यूथ कांग्रेस ने 114 विज्ञापनों पर 6.03 लाख रुपए खर्च किए. इसके बाद सबसे अधिक खर्च के मामले में बीजू जनता दल के नवीन पटनायक ने 168 विज्ञापनों पर 47.23 लाख रुपए खर्च किए. इसके अतिरिक्त जेडीयू नेता प्रशांत किशोर की आईपैक ने 479 विज्ञापनों पर 46.37 लाख रुपए से अधिक खर्च किए. तेलगू देशम पार्टी ने भी इस दौरान 12.95 लाख रुपए खर्च करके फेसबुक पर 25 विज्ञापन दिए. शिवसेना ने भी इस दौरान 54 विज्ञापनों पर 3.16 लाख और एनसीपी ने 235 विज्ञापनों पर 2.95 लाख रुपए खर्च किए.
राजनीति और सोशल मीडिया के जानकारों का मानना है कि ट्विटर और इंस्टाग्राम के मुकाबले फेसबुक लोगों को विचारों को प्रभावित करने के मामले में ज्यादा करागर है. इसे देखते हुए ज्यादातर राजनीतिक दल खुद को लोगों तक पहुंचाने के लिए फेसबुक को ही ज्यादा तवज्जो देते हैं.
एक राजनीतिक दल के लिए सोशल मीडिया प्रचार से जुड़े एक विशेषज्ञ के अनुसार तीसरे चरण तक आधी से अधिक सीटों के लिए मतदान हो चुका है. ऐसे में बाकी बची सीटों के लिए पार्टियां सोशल मीडिया पर ज्यादा आक्रामक तरीके से प्रचार करेंगी. जिससे यानी फेसबुक, ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक विज्ञापनों पर खर्च में भी बढ़ोत्तरी होगी. फेसबुक के आंकड़ों के अनुसार लोकसभा चुनाव के दौरान फरवरी से 20 अप्रैल तक उसे 84 हजार से अधिक विज्ञापनों से 17.16 करोड़ रुपये मिले.