शरद पवार के घर हुई विपक्षी दलों की बैठक में EVM पर उठे सवाल, भाजपा ने साधा निशाना- वे अपनी संभावित हार का बहाना ढूंढ रहे हैं
By भाषा | Published: March 24, 2023 08:29 AM2023-03-24T08:29:22+5:302023-03-24T08:36:20+5:30
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा, ‘‘विपक्ष का ईवीएम पर सवाल उठाने का मतलब आने वाले चुनावों में अपनी हार को स्वीकार करना है, क्योंकि उन्हें चुनावों में अपनी हार के लिए वोटिंग मशीनों को दोष देना सबसे सुविधाजनक लगता है।’’

शरद पवार के घर हुई विपक्षी दलों की बैठक में EVM पर उठे सवाल, भाजपा ने साधा निशाना- वे अपनी संभावित हार का बहाना ढूंढ रहे हैं
नयी दिल्लीः भाजपा ने ईवीएम के मुद्दे पर विपक्ष की बैठक पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल आगामी चुनावों में अपनी संभावित हार का बहाना ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब विपक्षी दलों ने तय किया है कि वे चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल और खासतौर से रिमोट मतदान के लिए ईवीएम के उपयोग पर अपनी चिंताओं का समाधान खोजने के लिए निर्वाचन आयोग से मिलेंगे।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा, ‘‘विपक्ष का ईवीएम पर सवाल उठाने का मतलब आने वाले चुनावों में अपनी हार को स्वीकार करना है, क्योंकि उन्हें चुनावों में अपनी हार के लिए वोटिंग मशीनों को दोष देना सबसे सुविधाजनक लगता है।’’
उन्होंने विपक्ष पर ईवीएम को लेकर 'सुविधाजनक राजनीति' करने का भी आरोप लगाया और कहा कि जब विपक्षी दल राज्य के चुनावों में जीतते हैं तो परिणामों से सहमत होते हैं, लेकिन हारने पर मशीनों को दोष देते हैं। बलूनी ने कहा कि तथ्य यह है कि लोगों ने "जातिवाद, वंशवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण" की राजनीति के लिए विपक्षी दलों को खारिज कर दिया है और देश के लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा किसी भी नेता पर भरोसा नहीं है।
गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने राज्यसभा में विपक्षी दलों के नेताओं को इस बैठक में आमंत्रित किया था। कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह, राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य कपिल सिब्बल, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रामगोपाल यादव, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सदस्य अनिल देसाई और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सदस्य के. केशव राव आदि ने बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई भी नेता शामिल नहीं हुआ।