भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन के पक्ष में नहीं : दिलीप घोष

By भाषा | Updated: November 13, 2020 21:10 IST2020-11-13T21:10:21+5:302020-11-13T21:10:21+5:30

BJP not in favor of President's rule in state: Dilip Ghosh | भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन के पक्ष में नहीं : दिलीप घोष

भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन के पक्ष में नहीं : दिलीप घोष

कोलकाता, 13 नवंबर पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले में अपने काफिले पर पथराव के एक दिन बाद शुक्रवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में अनुच्छेद 356 लागू किए जाने के पक्ष में नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी को पूरा भरोसा है कि 2021 के विधानसभा चुनावों में वह तृणमूल कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल कर देगी लेकिन अगर "हिंसा और हत्याओं" में वृद्धि होती है तो भविष्य की स्थिति के बारे में नहीं कहा जा सकता।

सांसद घोष एक टीवी चैनल से बातचीत कर रहे थे और साक्षात्कार का फुटेज उनके आधिकारिक फेसबुक पेज पर साझा किया गया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग करेगी, घोष ने कहा, "हमारा मानना ​​है कि लोकतंत्र में सत्ता में कोई भी बदलाव मतदान की प्रक्रिया से होना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लोग शांतिपूर्ण तरीके से अपना वोट डाल सकें।"

उन्होंने दावा किया कि "हिंसा और हत्या में वृद्धि के साथ जिस तरह की स्थिति बन रही है", उस वजह से आम लोगों और यहां तक ​​कि कुछ अन्य विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति शासन की मांग की है।

घोष ने कहा, ‘‘भाजपा कार्यकर्ता के रूप में मुझे गर्व है कि हमारी पार्टी का विश्वास संविधान में है। हम किसी निर्वाचित सरकार को गिराने में विश्वास नहीं करते हैं। हमारे गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस पर जोर दिया है और कहा है कि हम इस सरकार को चुनाव में हराएंगे।"

उन्होंने कहा कि स्थिति के बारे में केंद्र को कोई रिपोर्ट सौंपने के लिए राज्यपाल हैं।

घोष ने कहा, "मैं पश्चिम बंगाल में अनुच्छेद 356 नहीं चाहता। हम सैद्धांतिक रूप से इसके पक्ष में नहीं हैं। लेकिन चीजें जिस तरह से आगे बढ़ रही हैं, मैं यह नहीं कह सकता कि भविष्य में ऐसी स्थिति बनेगी या नहीं।"

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर अपने विरोधियों के खिलाफ लोकतांत्रिक मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और कहा कि सिर्फ उनके ही खिलाफ 40 झूठे मामले दर्ज किए गए।

घोष ने साक्षात्कार के दौरान राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमलों के बारे में कोई आंकड़ा नहीं दिया। हालांकि उन्होंने और पार्टी के अन्य नेताओं ने बार-बार दावा किया है कि उनके 120 से अधिक कार्यकर्ता राजनीतिक हिंसा में मारे गए हैं।

उन्होंने कहा, "हम आम आदमी के बीच के डर को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं,"

एक दिन पहले अपने काफिले पर हुए हमले का जिक्र करते हुए घोष ने कहा कि अतीत में कम से कम छह-सात बार ऐसी घटनाएं हुई हं। "लेकिन हमें (भाजपा) 2019 के लोकसभा चुनाव में 2.3 करोड़ मतदाताओं का समर्थन मिला।"

इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के बिमल गुरुंग धड़े के सदस्यों ने उन पर हमले की साजिश रची थी।

घोष ने संवाददाताओं से कहा, "यह (काफिले पर हमला) पूर्व नियोजित था। तृणमूल नेतृत्व को इसकी जानकारी थी और पुलिस ने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।"

उन्होंने कहा कि भाजपा के कई राष्ट्रीय नेताओं ने इस घटना के बाद उनका हालचाल पूछा। इस घटना में उनका वाहन आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया टिप्पणी 'मौत के खेल से मत नहीं मिल सकता’ का जिक्र करते हुए प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘‘उनकी इस टिप्पणी के एक दिन बाद पुर्व मेदिनीपुर जिले में हमारे एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गयी और मेरे काफिले पर हमला किया गया। ये अच्छे संकेत नहीं हैं।’’

पुलिस के अनुसार, बृहस्पतिवार को अलीपुरद्वार जिले के जयगांव इलाके में घोष के काफिले पर पथराव किया गया था और काले झंडे दिखाए गए थे।

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Web Title: BJP not in favor of President's rule in state: Dilip Ghosh

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