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भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के निशाने पर गौतम अडानी, कहा-एनपीए के सबसे बड़े कलाकार

By सतीश कुमार सिंह | Updated: January 15, 2021 20:18 IST

भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दावा किया अडानी बैंकों के फंसे कर्ज (एनपीए) के सबसे बड़े बकायेदार हैं। 

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ठळक मुद्देट्रेपेज आर्टिस्ट अडानी पर बैंकों का एनपीए के रूप में 4.5 लाख करोड़ है। सुब्रमण्यम स्वामी ने पहले भी कई ट्वीट कर अडानी पर आरोप लगा चुके हैं।स्वामी ने बैंकों के एनपीए और अडानी की देन-दारी को लेकर सवाल खड़े किए हैं। 

नई दिल्लीः भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर बिजनेसमैन गौतम अडानी पर निशाना साधा है। उद्योगपति पर करारा हमला किया है। 

भाजपा सांसद केंद्र सरकार की कई नीतियों पर लगातार ट्वीट करते रहते हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'ट्रेपेज आर्टिस्ट अडानी पर बैंकों का एनपीए के रूप में 4.5 लाख करोड़ है। अगर मैं गलत हूं तो मेरी गलती सुधारें। फिर भी 2016 से हर दो साल में उनकी संपत्ति दोगुनी हो रही है। फिर वह क्यों बैंकों को रकम नहीं चुकाते हैं? हो सकता है कि उन्होंने जो 6 हवाई अड्डों खरीदे हैं, जल्द ही वह जो रकम रखते हैं, उससे सभी बैंकों को भी खरीद लेंगे।'

सुब्रमण्यम स्वामी ने पहले भी कई ट्वीट कर अडानी पर आरोप लगा चुके हैं। स्वामी ने बैंकों के एनपीए और अडानी की देन-दारी को लेकर सवाल खड़े किए हैं। सरकारी क्षेत्र में एनपीए के सबसे बड़े कलाकार गौतम अडानी हैं। यह वक्त उन्हें जवाबदेह बनाने का है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे अडानी के खिलाफ जनहित याचिका दायर करेंगे।

स्वामी ने कहा, कई ऐसी चीजें हैं, जिनसे अडानी दूर भाग रहे हैं। कोई उनसे सवाल भी नहीं पूछ रहा है। अडानी अपनी सरकार के करीबी होने की छवि बना रहे हैं। इसलिए वह सरकार के लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकते हैं। स्वामी ने कहा, सरकार को अडानी की कंपनी और एनपीए से संबंधित मुकदमों की स्टेट्स रिपोर्ट मंगानी चाहिए। वहीं कोयला आयात और ऑस्ट्रेलिया में बिजनेस संबंधित विवादों पर भी रिपोर्ट मंगानी चाहिए।

बैंकों का सकल एनपीए सितंबर 2021 तक 13.5 प्रतिशत पर पहुंच सकता है:  आरबीआई रिपोर्ट

बैंकों का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) यानी फंसा कर्ज तुलनात्मक आधार पर सितंबर 2021 तक बढ़कर 13.5 प्रतिशत पर पहुंच सकता है जो सितंबर 2020 में 7.5 प्रतिशत था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में यह कहा गया है।

रिपोर्ट के अनुसार अगर वृहत आर्थिक माहौल और खराब होता है और गंभीर दबाव की स्थिति उत्पन्न होती है, तो सकल एनपीए अनुपात 14.8 प्रतिशत तक जा सकता है। वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘दबाव की स्थिति के विश्लेषण से यह संकेत मिलता है कि सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का सकल एनपीए तुलनात्मक आधार पर सितंबर 2020 में 7.5 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2021 तक 13.5 प्रतिशत हो सकता है।’’

बैंक समूह में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए अनुपात सितंबर 2020 में 9.7 प्रतिशत था जो सितंबर 2021 में 16.2 प्रतिशत पर पहुंच सकता है। वहीं निजी क्षेत्र और विदेशी बैंकों का सकल एनपीए अनुपात 4.6 प्रतिशत और 2.5 प्रतिशत से बढ़कर क्रमश: 7.9 प्रतिशत और 5.4 प्रतिशत हो सकता है।

वृहद आर्थिक माहौल और बिगड़ने या दबाव बढ़ने पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी बैंकों और विदेशी बैंकों का सकल एनपीए सितंबर 2021 तक बढ़कर क्रमश: 17.6 प्रतिशत, 8.8 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत हो सकता है। इसमें कहा गया है, ‘‘सकल एनपीए अनुपात का यह अनुमान बैंक के पोर्टफोलियो के मूल्य में कमी का संकेत है....।’’ 

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