पश्चिम दिल्ली से लोकसभा सांसद प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma) ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में मारे गए हेड कांस्टेबल रतनलाल और आईबी अफसर अंकित शर्मा के परिवार को अपनी अपनी एक-एक महीने की सैलरी देने का ऐलान किया है। सांसद प्रवेश वर्मा ने यह ऐलान अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से आज (29 फरवरी) किया है। दिल्ली हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो गई है और 250 लोग घायल हैं। प्रवेश वर्मा ने ट्वीट कर लिखा, ''दिल्ली में हुई दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा के दौरान अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद होने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल शहीद रत्तनलाल और आईबी ऑफिसर शहीद अंकित शर्मा के परिवारों को मैं बतौर सांसद मिलने वाली मेरी एक-एक महीने की तनख्वाह समर्पित करता हूं। जय हिंद''
दिल्ली में हुई दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा के दौरान अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद होने वाले @DelhiPolice के हेड कॉन्स्टेबल शहीद रत्तन लाल और आई.बी ऑफिसर शहीद अंकित शर्मा के परिवारों को मैं बतौर सांसद मिलने वाली मेरी एक-एक महीने की तनख़्वाह समर्पित करता हूँ।जय हिंद— Parvesh Sahib Singh (@p_sahibsingh) February 29, 2020
दिल्ली हिंसा: अकिंत शर्मा की मौत का मामला
आईबी के कर्मचारी अंकित शर्मा उत्तर पूर्व दिल्ली के दंगाग्रस्त चांद बाग इलाके में बुधवार ( 26 फरवरी) को एक नाले में मृत मिले। वह इसी इलाके में रहते थे। अंकित शर्मा के परिवार में उनके माता-पिता, एक भाई और एक बहन हैं। अंकित शर्मा 2017 में आईबी में भर्ती हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि 26 वर्षीय अंकित शर्मा मंगलवार से लापता थे। अंकित के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि उनकी हत्या किसी धारधार हथियार से गोदकर हुई है।
अंकित शर्मा के पिता ने दावा किया है कि उनके बेटी की हत्या में नेहरू विहार के पार्षद ताहिर हुसैन का हाथ है। ताहिर हुसैन पर दिल्ली पुलिस ने IPC की धारा 302 (हत्या की सजा) के तहत एफआईआर दर्ज किया है। ताहिर फिलहाल फरार है। पुलिस की उसकी तलाश में लगी है।
दिल्ली हिंसा: हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौत
42 वर्षीय हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत गोली लगने से हुई थी। 1998 में वह दिल्ली पुलिस में शामिल हुए थे। वह गोकुलपुरी में एसीपी ऑफिस में कार्यरत थे। उनके परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं। रतन लाल मूल रूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे। दिल्ली के वह बुराड़ी में रहते थे।