देहरादून, 13 दिसंबर देहरादून के कैंट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक हरबंस कपूर का सोमवार को निधन हो गया । वह 75 वर्ष के थे ।
भाजपा की उत्तराखंड इकाई के उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन ने बताया कि कपूर की पत्नी जब सुबह उन्हें जगाने गयीं तो वह नहीं उठे और तब चिकित्सक को बुलाया गया जिसने उन्हें मृत घोषित कर दिया ।
आठ बार के विधायक और उत्तराखंड विधानसभा के वरिष्ठतम सदस्य कपूर के निधन पर प्रदेश की हस्तियों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया ।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि वह वरिष्ठ पार्टी सहयोगी कपूर के निधन से दुखी हैं । उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि वह एक अनुभवी विधायक और प्रशासक थे और वह जनसेवा और सामाजिक कल्याण के कार्यों में अपने योगदान के लिए याद किए जाएंगे ।
कपूर 2001-02 में भगत सिंह कोश्यारी मंत्रिमंडल में शहरी विकास मंत्री रहे जबकि 2007-2012 के दौरान उन्होंने राज्य विधानसभा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली । वर्ष 1985 में पहली बार विधानसभा चुनाव हारने के बाद वह देहरा खास और बाद में देहरादून कैंट विधानसभा क्षेत्र से लगातार आठ बार चुनाव जीते ।
विधायक के निधन का समाचार मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की । धामी ने उनके शोकसंतप्त परिजनों को दुख की घड़ी में ढांढस बंधाया ।
उनके निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए धामी ने कहा कि वह राजनीतिक मूल्यों को आत्मसात करते हुए अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा मुखर रहे । उन्होंने कहा कि लगातार आठ बार चुनाव जीतना उनकी लोकप्रियता को ही साबित किया है ।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी कपूर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनके निधन को पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति बताया ।
भाजपा ने प्रदेश भर में सोमवार को होने वाले अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए । दोपहर बाद दिवंगत भाजपा विधायक का पार्थिव शरीर प्रदेश भाजपा कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया जहां पार्टी के राष्ट्रीय सह महामंत्री शिव प्रकाश, कौशिक,पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी ।
कपूर की शवयात्रा शहर के विभिन्न हिस्सों से होती हुई लक्खीबाग शवदाह स्थल पर पहुंची जहां उनके परिजनों, राजनीतिज्ञों और उनके समर्थकों की मौजूदगी में उनकी अंत्येष्टि कर दी गयी।
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