RSS के गढ़ नागपुर में बीजेपी की बड़ी हार, जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस ने जीती 31 सीटें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 9, 2020 08:08 AM2020-01-09T08:08:55+5:302020-01-09T08:08:55+5:30

बुधवार को घोषित परिणामों में कांग्रेस ने नागपुर जिला परिषद में उल्लेखनीय सफलता हासिल करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को गढ़ में ही शिकस्त दी है.

BJP loses RSS bastion Nagpur, four other Zilla Parishads in Maharashtra congress ncp won | RSS के गढ़ नागपुर में बीजेपी की बड़ी हार, जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस ने जीती 31 सीटें

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस नागपुर से आते हैं.

Highlightsजिला परिषद की कुल 332 में से भाजपा को 103 सीटें मिली हैं.पालघर में भी महाविकासआघाड़ी को सर्वाधिक सीटें मिली हैं. 

महाराष्ट्र के नागपुर, अकोला, वाशिम, पालघर, धुले और नंदुरबार में हुए जिला परिषद के चुनावों में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है. धुले छोड़कर सभी स्थानों पर उसे हार का सामना करना पड़ा है. अकोला में वंचित आघाड़ी ने बाजी मार ली है. नंदुरबार में भले ही कांग्रेस और भाजपा को समान सीटें मिली हैं, लेकिन यहां कांग्रेस सहित महाविकासआघाड़ी का सत्ता हासिल करना लगभग तय है. पालघर में भी महाविकासआघाड़ी को सर्वाधिक सीटें मिली हैं. 

नागपुर में बड़ी हार

कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन ने बुधवार को नागपुर में जिला परिषद की 58 सीटों में से 40 सीटें जीत ली और सत्ताधारी भाजपा को जिला परिषद से हटा दिया. कांग्रेस ने 30 सीटें जबकि एनसीपी ने 10 सीटें जीती. भाजपा ने 15 सीटें जबकि शिवसेना को एक सीट मिली. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली. पंचायत समिति चुनाव में कांग्रेस ने 57 सीटें, एनसीपी ने 21, भाजपा ने 25, शिवसेना ने सात और निर्दलीयों ने चार सीटों पर जीत दर्ज की.

भाजपा को सर्वाधिक सीटें 

सभी 6 जिला परिषदों की कुल सीटों का विचार किया जाए तो भाजपा ने सर्वाधिक सीटें हासिल की है. लेकिन महाविकासआघाड़ी के कारण वह सत्ता हासिल नहीं कर सकी. जिला परिषद की कुल 332 में से भाजपा को 103 सीटें मिली हैं.

वाशिम में कांग्रेस को झटका, भाजपा की सीट बढ़ी 

वाशिम जिला परिषद के 52 सर्कलों में राष्ट्रवादी कांग्रेस को 4 सीटें ज्यादा मिलीं, जबकि कांग्रेस को 8 जगह पर झटका लगा. भाजपा एक सीट को ज्यादा मिली है जबकि शिवसेना की दो सीटें कम हुईं. यहां कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना सहित भाजपा, वंचित बहुजन आघाड़ी, स्वाभिमानी एवं पूर्व सांसद अनंतराव देशमुख की जनविकास आघाड़ी ने अपने बल पर चुनाव लड़ा. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 17 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता स्थापित की थी लेकिन इस बार उसे केवल 9 सीटों पर संतुष्ट होना पड़ा. राकांपा को पिछली बार 8 सीटें मिली थीं. इस बार 12 सीटों पर जीत हासिल की. भारिपा बमसं ने 9 सीटों पर जीत हासिल कर अपना वर्चस्व साबित किया है. पूर्व सांसद देशमुख की जनविकास आघाड़ी ने 6 सीटों पर जीत हासिल की. स्वाभिमानी पार्टी को एक तथा निर्दलीयों को 2 सीटें मिली हैं.

लढाणा में महाविकास आघाड़ी का वर्चस्व

कांग्रेस की मनीषा पवार अध्यक्ष जिप चुनाव में कांग्रेस की मनीषा पवार ने अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष पद पर शिवसेना की कमल बुधवत ने निर्विरोध जीत हासिल की. 2017 में राकांपा का सहारा लेते हुए भाजपा ने सत्ता स्थापित की थी लेकिन इस बार महाविकास आघाड़ी के कारण भाजपा का समीकरण बिगड़ गया. भाजपा की ओर से रूपाली कालपांडे तथा जयश्री टिकार ने अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन दोनों के नामांकन वापस लेने के कारण महाविकास आघाड़ी की सत्ता स्थापित हुई.

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