BJP नेता ने 'फ्री कश्मीर' पोस्टर दिखाने के मामले को लेकर FIR करवाई दर्ज, बवाल मचने पर छात्रा ने दी सफाई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 7, 2020 17:28 IST2020-01-07T17:28:40+5:302020-01-07T17:28:40+5:30
बीजेपी के नेता किरीट सोमैया बताया कि उन्होंने गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान 'Free Kashmir' पोस्टर के संबंध में पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। शिवेसेना के नेता संजय राउत ने भी प्रतिक्रिया दी है कि उन्होंने इस बारे में अखबार में पढ़ा था कि 'मुक्त कश्मीर' पोस्टर दिखाने वाले छात्रों ने सफाई दी है।

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बीजेपी के नेता किरीट सोमैया ने गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान 'Free Kashmir' के पोस्टर के संबंध में पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई है। दरअसल, बीते दिन एक युवती के हाथ में गेटवे ऑफ इंडिया पर 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर देखा गया था, जिसके बाद बवाल हो गया। इस मामले ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सौमया ने बताया कि कल (6 जनवरी) रात को प्रदर्शन के दौरान एक लड़की के हाथ में 'फ्री कश्मीर' लिखा पोस्टर दिखाई दे रहा था। साथ ही बहुत से प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां लग रही थी जिन पर आपत्तिजनक और अभ्रद भाषा लिखी थी। इस मामले में उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने मुझे इस संबंध में जांच करने का विश्वास दिया है।
गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान 'Ban on ABVP' तख्तियां देखी गई थीं, जबकि कुछ तख्तियों पर जेएनयू के सहयोग में 'Stand with JNU' भी लिखा था। इसके अलावा शिवेसेना के नेता संजय राउत ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि उन्होंने इस बारे में अखबार में पढ़ा था कि 'फ्री कश्मीर' पोस्टर दिखाने वाले छात्रों ने सफाई दी है कि वो कश्मीर में इंटरनेट सेवा, मोबाइल सेवा और अन्य मुद्दों पर प्रतिबंध मुक्त चाहते हैं।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 'मुक्त कश्मीर' पोस्टर के संबंध में छात्रा ने अपना वीडियो जारी कर सफाई दी 'कल (6 जनवरी) रात 7 बजे करीब मैं गेटवे ऑफ इंडिया गई थी। जहां पर प्रदर्शन हो रहा था। मैंने वहां पर 'फ्री कश्मीर' लिखा पोस्टर पड़ा देखा। पहली बात तो यह कि मैं कश्मीरी नहीं हूं। मैं एक महाराष्ट्रियन हूं और मेरा सरनेम प्रभु है। हम वहां पर अपने अधिकारों के बारे में बात करने गए थे। कश्मीर में लगभग 5 महीने से इंटरनेट सेवा बंद है और उनका अभिव्यक्ति का अधिकार छीन लिया गया है, अगर हम उन्हें अपना मानते हैं तो हमें उनके साथ अपनों जैसा व्यवहार करना चाहिए, इसलिए मैंने वो पोस्टर उठाया था।'
आपको बता दें कि बीते रविवार (5 जनवरी) शाम को जेएनयू में हुई हिंसा का सभी राजनीतिक नेताओं ने विरोध किया था। साथ ही प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। जेनयू में हुए हमले में लगभग 30 से ज्यादा छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिन्हें दिल्ली के एम्स ट्र्ऱॉमा सेंट्र में भर्ती किया गया था।