लाइव न्यूज़ :

बीजेपी, मोदी सरकार के बाद अब संसद में अमित शाह का सिक्का

By हरीश गुप्ता | Updated: July 22, 2019 08:01 IST

गृह मंत्रालय को नियमित रूप से कवर करने वाले कुछ पत्रकारों ने जब यह जानने की कोशिश की कि क्या उनका नॉर्थ ब्लॉक में प्रवेश पर भी पाबंदी होगी जैसा कि उनके समकक्ष वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था, तो शाह ने कहा, ''मैं बड़े दिल वाला व्यक्ति हूं. मैं ऐसी कोई पाबंदी नहीं लगाऊंगा.''

Open in App
ठळक मुद्देपूरी सरकार में संभवत: अमित शाह इकलौते मंत्री हैं जो अधिकारपूर्वक बोलते हैं.भाजपा, सरकार और अब संसद को सुचारू रूप से चलाने में शाह का सिक्का चलता है.

पहली बार संसद सदस्य और केंद्रीय मंत्री बने गृह मंत्री अमित शाह भले ही सरकार में तीसरे नंबर पर हों, लेकिन उन्होंने न केवल सरकार में बल्कि संसद चलाने में भी बड़ी पहचान बनाई है. इसमें कोई शक नहीं कि वरिष्ठ नेता अरुण जेटली की अनुपस्थिति सबको खलती है, लेकिन शाह ने तत्काल निर्णय लेने, साफगोई और दूरदर्शिता के कारण कुछ ही समय में गहरा प्रभाव डाल दिया है. पूरी सरकार में संभवत: वह इकलौते मंत्री हैं जो अधिकारपूर्वक बोलते हैं.

भाजपा, सरकार और अब संसद को सुचारू रूप से चलाने में उनका सिक्का चलता है. राज्यसभा में दूसरे दिन जब विपक्षी पार्टियां हंगामा कर रही थीं, तो शाह ने पार्टी प्रबंधकों को बताया कि सदन दिनभर के लिए स्थगित नहीं होनी चाहिए. इसके बदले विपक्ष हंगामा करते-करते थक जाए और स्थगन केवल प्रति घंटे के आधार पर हो. इस रणनीति ने रंग दिखाया और तीन स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चली.

गृह मंत्रालय को नियमित रूप से कवर करने वाले कुछ पत्रकारों ने जब यह जानने की कोशिश की कि क्या उनका नॉर्थ ब्लॉक में प्रवेश पर भी पाबंदी होगी जैसा कि उनके समकक्ष वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था, तो शाह ने कहा, ''मैं बड़े दिल वाला व्यक्ति हूं. मैं ऐसी कोई पाबंदी नहीं लगाऊंगा.''

कोई अन्य मंत्री सार्वजनिक रूप से यह नहीं कहेगा. लेकिन शाह शब्दजाल का इस्तेमाल नहीं कर स्पष्ट संकेत देने में विश्वास करते हैं कि वह इस तरह की पाबंदी को खारिज करते हैं. मोदी शासन में शाह पहले केंद्रीय मंत्री हैं जिन्होंने संसद के दोनों सदनों में विभिन्न बिल पेश करने अपने दो प्रतिनिधिओं को सुनिश्चित किया और यहां तक कि बहस का जवाब भी दिया. वह न केवल बहस में शामिल हुए बल्कि आवश्यकता पड़ने पर उन्होंने हस्तक्षेप भी किया, लेकिन यह साफ था कि वह अपने कनिष्ठों को बढ़ावा दे रहे हैं. उनकी देखादेखी अब अन्य वरिष्ठ मंत्री भी ऐसा ही करना शुरू कर दिया है.

राज्य मंत्रियों ने सोचा भी नहीं था :

अमित शाह ने अपने दो कनिष्ठों राज्य मंत्री नित्यानंद राय और जी. किशन रेड्डी को प्रश्नकाल के दौरान संसदीय सवालों के जवाब देने को कहा. दोनों राज्य मंत्रियों में से किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपने पहले कार्यकाल में ऐसी जिम्मेदारी निभाएंगे. अमित शाह ने तभी मोर्चा संभाला, जब संसद में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का मामला आया. गृह मंत्री कश्मीर और राष्ट्रीय नागरिक पंजी मुद्दों को सुलझाने और पश्चिम बंगाल को जीतने के उत्सुक हैं. शाह ने गृह मंत्री के रूप में पहले 50 दिनों में छाप छोड़ी है. आक्रामकता दिखाने वाले शाह को संसद के सेंट्रल हॉल में गपशप और चुटकुले सुनना भी पसंद है.

टॅग्स :अमित शाहमोदी सरकारभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारत'अमित शाह ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन का आधार तैयार करने के लिए SIR का इस्तेमाल किया', ममता बनर्जी ने लगाया आरोप

भारतसंचार साथी ऐप में क्या है खासियत, जिसे हर फोन में डाउनलोड कराना चाहती है सरकार? जानें

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारत"संचार साथी ऐप अनिवार्य नहीं, डिलीट कर सकते हैं लोग", विवाद के बीच बोले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत