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जानिए कौन हैं बीजेपी उम्मीदवार तेजस्वी सूर्या, 28 की उम्र में इन खूबियों की वजह से मिला लोकसभा 2019 का टिकट

By पल्लवी कुमारी | Updated: March 26, 2019 20:00 IST

तेजस्वी सूर्या बीजेपी के युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। तेजस्वी आरएसएस(RSS) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी कई सालों तक जुड़े रहे हैं।

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ठळक मुद्देलोकसभा चुनाव 2019 में टिकट मिलने के बाद तेजस्वी सूर्या ने कहा- ऐसा सिर्फ बीजेपी में ही हो सकता है।दक्षिण बेंगलुरु बीजेपी की परंपरागत सीट है। यहां से दिवंगत केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार खड़े होते थे।

भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने लोकसभा चुनाव 2019 में दक्षिण बेंगलुरु दक्षिण सीट से एक 28 वर्षीय युवा को टिकट दिया है। इस  28 वर्षीय का नाम तेजस्वी सूर्या है। जब से बीजेपी ने तेजस्वी सूर्या को टिकट दिया है, वो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गए हैं। हर कोई ये जानना चाहता है कि बीजेपी के दिग्गज नेता रहे अनंत कुमार की परंपरागत सीट बेंगलुरु दक्षिण को तेजस्वी सूर्या को क्यों दिया गया है। 

दक्षिण बेंगलुरु दक्षिण सीट से मांग उठ रही थी कि दिवंगत केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार की पत्नी को यहां से टिकट दिया जाए। लेकिन बीजेपी ने इस बार तेजस्वी सूर्या पर दांव लगाया है। 

कौन हैं तेजस्वी सूर्या? 

तेजस्वी सूर्या ब्राह्मण परिवार से हैं। तेजस्वी सूर्या की छवि एक तेजतर्रार युवा नेता की है। लेकिन इससे पहले वो कभी भी इतने बड़े पैमाने पर लाइमलाइट में नहीं आए थे। तेजस्वी सूर्या पेशे से वकील हैं। तेजस्वी सूर्या ने बेंगलुरु के इंस्टिट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज से पढ़ाई की है। 

तेजस्वी सूर्या बीजेपी के युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। तेजस्वी आरएसएस(RSS) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी कई सालों तक जुड़े रहे हैं। बीजेपी ने इन्हें 2019 के सोशल मीडिया कैम्पेन का भी हिस्सा बनाया है। 

तेजस्वी सूर्या मूल रूप से चिकमंगलूर जिले के निवासी हैं। बासावानगुडी विधानसभा से विधायक एल.ए. रविसुब्रमण्यन तेजस्वी सूर्या के चाचा भी हैं। तेजस्वी कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। वो सोशल मीडिया पर काफी फेमस भी हैं। इनके 62 हजार फॉलोअर्स हैं। सोशल मीडिया पर ये काफी एक्टिव भी रहते हैं। 

बीजेपी ने क्यों दिया तेजस्वी सूर्या को टिकट 

 बेंगलुरु दक्षिण बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती है। बीजेपी यहां से दिवंगत केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार की छत्रछाया में 1996 से जीतती आ रही है। यही वजह है कि बीजेपी ने अनंत कुमार के निधन के बाद यहां के लिए कोई एक ऐसा नेता चाह रही थी जो युवा हो और मशहूर भी। तेजस्वी सूर्या में ये दोनों खूबियां हैं। सूर्या को उम्मीदवार के तौर पर चुने जाने के पीछे राजनीति का उनका अनुभव और भाषण देने की उनकी कला को भी देखा गया है। 

सूर्या के विरोध में दक्षिण बेंगलुरु दक्षिण सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता बीके हरिप्रसाद से है। हरिप्रसाद को 1996 में अनंत कुमार ने हरा दिया था। अनंत कुमार 6 बार सांसद रहे थे। 2018 में उनकी मौत हो गई थी। अनंत कुमान ने 2014 में आधार कार्ड के आर्किटेक्ट कहे जाने वाले नंदन नीलेकणी को दो लाख से ज्यादा मतों से हराया था।

टिकट मिलने के बाद तेजस्वी सूर्या का पहला ट्वीट 

टिकट मिलने के बाद सूर्या ने कहा, ''ओह माय गॉड ओह माय गॉड! विश्वास नहीं हो रहा। बेंगलुरु दक्षिण जैसी प्रतिष्ठित सीट का प्रतिनिधित्व करने के लिए दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के पीएम और सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष ने 28 साल के एक लड़के पर विश्वास जताया है। यह केवल बीजेपी में ही हो सकता है। यह केवल नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया में ही संभव है।''

बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार का पिछले साल कैंसर से निधन हो गया था। बेंगलुरू दक्षिणी सीट से उन्होंने 2014 के चुनाव में नंदन निलेकणी को हराया था। अनंत कुमार की पत्नी तेजस्विनी एयरोस्पेस इंजीनियर हैं और एक एनजीओ अदम्य चेतना चलाती हैं। 

टॅग्स :लोकसभा चुनावकर्नाटकभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)अनंत कुमार
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