बिहार: सत्तासीन चाचा-भतीजे के रिश्ते में दिखने लगी है कड़वाहट, शिलापट्ट से गायब हुए उपमुख्यमंत्री, जानें पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Published: January 25, 2023 06:08 PM2023-01-25T18:08:13+5:302023-01-25T18:19:55+5:30
आपको बता दें कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मौजूदगी के बावजूद शिलापट्ट पर सिर्फ उनका नाम नहीं होना और मंत्री का नाम होना एक गंभीर मामला है। राजनीतिक जानकार इसे दोनों दलों के बीच आई खटास से भी जोड़कर देख रहे हैं।
पटना:बिहार में सत्तारूढ राजद और जदयू के रिश्तों में भारी खटास देखी जाने लगी है। चाचा-भतीजे के रिश्तों में आई कड़वाहट भी अब साफ-साफ दिखने लगी है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम-काज से सहयोगी दल राजद खुश नहीं है।
राजद को लग रहा है कि सरकार में बड़े भाई की भूमिका में रहने के बाद भी वैल्यू नहीं मिल रहा है और बड़े पदों पर उनके हिसाब से अधिकारियों की पोस्टिंग नहीं की जा रही है। उल्लेखनीय है कि राजद के विधायक सुधाकर सिंह समेत कई नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
सरकारी कार्यक्रमों में भी दिख रही है दूरी
इस बीच रिश्तों में आई खटास और चाचा-भतीजे के बीच बढ़ती दूरी अब सरकारी कार्यक्रमों में भी दिख रही है। कर्पूरी जयंती पर पूर्व मुख्यमंत्री के गांव में वह तस्वीर दिखी, जब शिलापट्ट पर महागठबंधन के सबसे बड़े दल के नेता तेजस्वी यादव का नाम अंकित नहीं था। सरकारी शिलापट्ट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे उनके दल के मंत्री और नेता का नाम खुदा हुआ था।
ऐसे में इस बात की अटकलें लगाई जाने लगी है कि चाचा के मन में भतीजे के लिए जो प्रेम उमड़ा था वो खत्म हो गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर्पूरी ठाकुर की जयंती कार्यक्रम में शिरकत करने उनके पैतृक गांव कर्पूरी ग्राम पहुंचे थे। मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, मंत्री विजय चौधरी समेत जदयू और राजद के कई और नेता भी वहां मौजूद थे।
इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर्पूरी ग्राम में नवनिर्मित थाना भवन का उद्घाटन किया था। थाना के शिलापट्ट पर मुख्यमंत्री के अलावे मंत्री विजय चौधरी का नाम अंकित था। इसके अलावे कर्पूरी ठाकुर के पुत्र व जदयू सांसद रामनाथ ठाकुर का भी नाम लिखा गया था।
घटना को लेकर हो रही है खूब चर्चा
आपको बता दें कि यह भवन राज्यसभा सांसद के विकास निधि से बनाई गई है। लेकिन उस उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ मौजूद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नाम का कहीं अता-पता नहीं था। मुख्यमंत्री ने जब शिलापट्ट से पर्दा हटाया तो उसमें सिर्फ जदयू कोटे के मंत्री व नेता का नाम खुदा हुआ था। इसके बाद से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। लोग इसे महज संयोग मानें या नीतीश कुमार का नया प्रयोग?
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मौजूदगी के बावज्प्द शिलापट्ट पर सिर्फ उनका नाम नहीं होना और मंत्री का नाम होना गंभीर मामला है। राजनीतिक जानकार इसे दोनों दलों के बीच आई खटास से भी जोड़कर देख रहे हैं। वजह चाहे जो भी हो लेकिन सरकार में नंबर दो की हैसियत बैठे तेजस्वी यादव के प्रोटोकॉल से कहीं न कहीं खिलवाड़ किया गया है।