बिप्लब देब के बोल, कम्युनिस्टों को भूल जाओ और ‘‘लोकतंत्र को पसंद करने वाले शासकों’’ को गले लगाओ

By भाषा | Published: July 12, 2018 01:27 AM2018-07-12T01:27:26+5:302018-07-12T01:27:26+5:30

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने आज राज्य के ‘‘ मूल ’’ निवासियों से अपील की कि माकपा की कम्युनिस्ट विरासत को भूल जाएं और ‘‘ लोकतंत्र पसंद करने वाले शासकों ’’ को गले लगाएं ‘‘ जिन्होंने सबके कल्याण के लिए काम किया है। ’’

Bipel Deb's words, forget the communists and embrace "the rulers who like democracy | बिप्लब देब के बोल, कम्युनिस्टों को भूल जाओ और ‘‘लोकतंत्र को पसंद करने वाले शासकों’’ को गले लगाओ

बिप्लब देब के बोल, कम्युनिस्टों को भूल जाओ और ‘‘लोकतंत्र को पसंद करने वाले शासकों’’ को गले लगाओ

अगरतला , 11 जुलाई:  त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने आज राज्य के ‘‘ मूल ’’ निवासियों से अपील की कि माकपा की कम्युनिस्ट विरासत को भूल जाएं और ‘‘ लोकतंत्र पसंद करने वाले शासकों ’’ को गले लगाएं ‘‘ जिन्होंने सबके कल्याण के लिए काम किया है। ’’ 

देब ने लोगों से पूछा , ‘‘ प्रयास किया गया कि लोग हमारे राजाओं को भूल जाएं और स्टालिन तथा लेनिन को याद करें। कौन जानता है कि वे कौन हैं ? क्या कोई मूल निवासी उनके बारे में जानता है ? उनके बारे में जानकर क्या होगा ?’’ 

वह भाजपा की तरफ से केंद्र सरकार को धन्यवाद देने के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। अगरतला हवाईअड्डे का नाम त्रिपुरा राजशाही के अंतिम शासक बीर बिक्रम किशोर माणिक्य के नाम पर रखे जाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। 

उन्होंने कहा , ‘‘ माणिक्य शासक लोकतंत्र पसंद करने वाले राजा थे। त्रिपुरा में रूस के जार की तरह दमनकारी शासन नहीं था। देब ने कहा कि सभी मूल निवासियों के घरों में महाराजा बीर बिक्रम की तस्वीर होनी चाहिए और उन्हें जानना चाहिए कि वह आधुनिक त्रिपुरा के वास्तुकार थे। 

Web Title: Bipel Deb's words, forget the communists and embrace "the rulers who like democracy

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