बिहार के पश्चिमी चंपारण में आदमखोर बाघ से दहशत में लोग, 9 महीने में 8 लोगों को बनाया शिकार, 6 की हुई मौत
By एस पी सिन्हा | Published: October 6, 2022 12:56 PM2022-10-06T12:56:27+5:302022-10-06T12:56:27+5:30
पश्चिमी चंपारण में इन दिनों एक बाघ की दहशत फैली हुई है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से निकला यह बाघ रिहायशी इलाकों में लोगों को शिकार बना रहा है। अब तक ये 8 लोगों पर हमला कर चुका है।
पटना: बिहार के पश्चिमी चंपारण स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से एक बाघ इन दिनों रिहायशी इलाकों में आतंक का पर्याय बन चुका है। आये दिन ग्रामीण इसका शिकार बन रहे हैं। बाघ ने 9 महीने में 8वां शिकार किया, इसमें 6 लोगों की मौत हो गई है। वहीं इसे पकड़ने में वन विभाग की रेस्क्यू टीम के पसीने छूट रहे हैं। अब आदमखोर बाघ ने रामनगर प्रखण्ड के सिंगाही गांव 13 वर्षीय युवती को अपना शिकार बनाया है। रात में करीब एक बजे बाघ ने हमला कर उसे मार डाला।
तेज बारिश के बीच बाघ ने किया हमला
युवती बुधवार की रात अपने घर में खाट पर सो रही थी, तभी बाघ मच्छरदानी फाड़ते हुए बच्ची को उठाकर ले गया। बच्ची चिल्ला रही थी। बचाने की गुहार लगा रही थी। इसके बाद गांव के लोग इकट्ठा हुए। वन विभाग के लोग भी आ गए थे। तेज बारिश की वजह से शव को ढूंढने में परेशानी हुई।
लोग खेतों में गए तो बाघ डरकर शव छोड़कर भाग निकला। बच्ची के गर्दन और हाथ पर घाव के निशान थे। मृतका की पहचान सिंगाही गांव निवासी रमाकांत मांझी की पुत्री बगड़ी देवी के रूप में हुई है। घटना के बाद इलाके में फिर एक बार बाघ का दहशत है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बगहा अनुमंडल अस्पताल भेज दिया है।
400 लोगों की टीम खोज रही है बाघ
यह बाघ अब तक 6 लोगों की जान ले चुका है। वनकर्मी एक्सपर्ट्स के नेतृत्व में उसका रेस्क्यू करने में दिन रात एक किये हुए हैं, लेकिन बाघ यहां से 25 किमी दूर रामनगर प्रखंड अंतर्गत चिउटाहा वन क्षेत्र के हरिहरपुर गांव के गन्ने के खेत में छुप गया है। बताया जाता है कि वन विभाग की 400 लोगों की टीम 25 दिनों से बाघ को पकड़ने में लगी है।
हाल ही आमदखोर बाघ ने एक व्यक्ति को अपना शिकार बनाया था। वन विभाग की रेस्क्यू टीम बाघ को खोजने में जुटी हुई है। इस संबंध में एक विशेषज्ञ ने बताया कि आदमखोर बाघ बहुत चालाक और फुर्तीला होता है। यह हर दो से तीन घंटे में स्थान बदलता है। हमने हरिहरपुर गांव में जाल बिछाया है। जब बकरी पिंजरे के अंदर थी, तो वह नहीं आया। जैसे ही उसे पिंजरे के बाहर बांध दिया, वह आया और उस पर हमला कर मार डाला।