Bihar Weather Today: गर्मी की दस्तक से ही सूखने लगे हलक!, 60 से अधिक नदियों में पेयजल संकट, पटना का भूजल स्तर 50 फुट नीचे
By एस पी सिन्हा | Updated: May 3, 2024 17:48 IST2024-05-03T17:47:06+5:302024-05-03T17:48:05+5:30
Bihar Weather Today: कैमूर-गोपालगंज के कई इलाकों में मवेशी पालकों को दूसरी जगह पलायन करना पड़ रहा है।

सांकेतिक फोटो
Bihar Weather Today: बिहार में पड़ रही भीषण गर्मी में 60 से अधिक नदियां सूख चुकी हैं, जबकि अभी वैशाख महीना ही चल रहा है। यह पहली बार है जब अप्रैल में ही नदियों में पानी नहीं है और खाली रेत दिखाई दे रहे हैं। इन नदियों के सूखने के चलते भू-जल स्तर अप्रत्याशित रूप से नीचे गिर रहा है। राजधानी पटना का भूजल स्तर 50 फुट नीचे चले जाने से पेयजल संकट पैदा हो गया है। वहीं, कोसी जैसे इलाके में भी गंभीर पेयजल संकट से लोगों को जूझना पड़ रहा है। जबकि कैमूर-गोपालगंज के कई इलाकों में मवेशी पालकों को दूसरी जगह पलायन करना पड़ रहा है।
बिहार की जीवन रेखा मानी जाने वाली इन नदियों में नूना, पुनपुन, बनास, अधवारा, खिरोई, झरही, अपर बदुआ, बरंडी, पश्चिम कनकई, चिरायन, पंडई, सिकरहना, फरियानी, परमान, दाहा, गंडकी, मरहा, पंचाने, धोबा, चिरैया, मोहाने, नोनाई, भूतही, लोकाईन, गोईठवा, चंदन, चीरगेरुआ, धर्मावती, हरोहर, मुहानी, सियारी, माही, थोमाने, अवसाने, पैमार, बरनार, अपर किउल, दरधा, कररुआ, सकरी, तिलैया, मोरहर, जमुने, नून, कारी कोसी, बटाने, किउल, बलान, लखनदेई, खलखलिया, काव, कर्मनाशा, कुदरा, सुअवरा, दुर्गावती, कमला धार, तीसभवरा, जीवछ, बाया, नून कठाने, डोर, कुंभरी, सोइबा, सांसी, धनायन, अदरी, केशहर, मदाड़, झिकरिया, सुखनर, स्याही, बलदईया, बैती, चन्द्रभागा, छोटी बागमती, खुरी, फल्गू, गूवाया, कंचन, ठोरा, छाड़ी, सोन, धनखड़ आदि शामिल हैं।
इन नदियों की पेट गाद से भर चुका है। जल विशेषज्ञ दिनेश मिश्र के अनुसार जलवायु परिवर्तन, अनियमित व कम बारिश, जमीन का रिचार्जन होना, गाद भरते जाना और नदियों के मूल स्रोत से पानी नहीं मिलने से नदियां संकट में हैं। नदियों के असमय सूखने का बड़ा कारण जंगलों का बेतहाशा कटना भी है।
इससे बारिश का पानी सीधे जमीन पर जा रहा, जिससे पानी और गाद दोनों नदियों में पहुंच रही है। नदियों के सूखने से भूजल स्तर भी अपने रिकार्ड गिरावट पर पहुंच चुका है। कुआं, तालाब, आहर-पईन सब सूख चुके हैं। ऐसे में दिन प्रतिदिन स्थिति भयावह होती जा रही है।