बिहार: बारिश से अस्पताल में घुटनों तक भर गया पानी, आईसीयू में तैर रही हैं मछलियां

By एस पी सिन्हा | Published: July 8, 2019 06:53 PM2019-07-08T18:53:13+5:302019-07-08T18:53:13+5:30

बिहार की राजधानी पटना में हो रही मानसूनी बारिश ने बिहार सरकार की पोल खोलकर रख दी है। 

Bihar: Water filled with knees in the hospital, floats in ICU fish | बिहार: बारिश से अस्पताल में घुटनों तक भर गया पानी, आईसीयू में तैर रही हैं मछलियां

बिहार: बारिश से अस्पताल में घुटनों तक भर गया पानी, आईसीयू में तैर रही हैं मछलियां

Highlightsबिहार की राजधानी पटना में हो रही लगातार बारिश ने एक बार फिर से व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस बार भी मछलियों ने अस्पताल को ही अपना आशियाना बना लिया.

पटना, 8 जुलाईःबिहार की राजधानी पटना में हो रही लगातार बारिश ने एक बार फिर से व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यहां सड़कों की बात को अगर छोड़ भी दें तो अस्पतालों में भी जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई है. पिछले मॉनसून में आईसीयू में मछली तैरने वाली घटना को फिर से ताजा कराती हुईं तस्वीरें सामने आईं और इस बार भी मछलियों ने अस्पताल को ही अपना आशियाना बना लिया.

राजधानी पटना के दूसरे बडे अस्पताल एनएमसीएच के परिसर में जल जमाव की समस्या इस साल भी बनी हुई है. मॉनसून की बारिश अभी शुरू ही हुई है और इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन ने पिछले साल जो दावा किया गया था, उसकी पोल खुल गई है. बता दें कि पिछले साल भी एनएमसीएच में घुटने तक पानी भरा था. जिसके बाद प्रशासन ने आश्वस्त किया था कि ऐसा दुबारा नहीं होगा. 

एनएमसीएच हर साल मॉनसून की बारिश में तालाब में तब्दील हो जाता है. इस साल भी मॉनसून की बारिश शुरू हुई है और अभी से ही एनएमसीएच तालाब में तब्दील हो गया है. यहां तक की वार्ड में मछलियां तैर रही हैं. पिछले साल भी एनएमसीएच की हालत गंभीर थी. यहां आईसीयू से लेकर हर वार्ड में बारिश का पानी भर गया था. जिसके बाद मरिज से लेकर उनके परिजन तक सभी परेशान थे. पानी आईसीयू वार्ड तक भर गया था. जिसके बाद इस मामले में बिहार में राजनीति भी खूब हुई थी.

वहीं, आश्वासन दिया गया था कि इसके लिए पूरी व्यवस्था की जाएगी. जिससे ऐसी हालत फिर न हो लेकिन अब सारी व्यवस्थाओं की फिर से पोल खुल गई है. अस्पताल में रखे दवा को बचाने का काम किया जा रहा है. बताया जाता है कि अस्पताल के पास ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं है इस वजह से यह हालत होती है. लेकिन हर साल इसे ठीक करने की बात कही जाती है, लेकिन मॉनसून के बाद ही सभी काम ठंडे बस्ते में चले जाते हैं और जब परेशानी बढ़ती है तो फिर सभी की आंखें खुलती हैं. 

ऐसे में अस्पताल में इलाज कराने गए मरीजों के लिए यह सबसे गंभीर समस्या बन गई है. एक तरफ वह अस्वस्थ होकर अस्पताल में भर्ती हैं, दूसरी तरफ अस्पताल जब तालाब बन जाए तो ऐसे में इलाज भगवान भरोसे ही होता है. साथ ही एक अलग बीमारी होने की संभावना भी बढ़ जाती है.

बताया जाता है कि अस्पताल का मेडिसिन विभाग का भवन काफी पुराना होने के कारण इसका बेसमेंट काफी नीचा है, ऐसे में भारी बारिश होने पर बारिश का पानी वार्ड में घुस जाता है. मॉनसून को देखते हुए एक पखवारा पूर्व अस्पताल प्रशासन द्वारा मेडिसिन विभाग के आईसीयू को सर्जरी विभाग के आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था. 

मेडिसिन विभाग के वार्ड में होने वाले जल जमाव को देखते हुए अस्पताल प्रशासन द्वारा पंप हाउस में एक अतिरिक्त मोटर की भी व्यवस्था की गई है. इस दौरान अस्पताल में तैनात चिकित्सकों ने भी माना कि पुराना भवन का बेसमेंट काफी नीचा होने के कारण बारिश के दिनों में जलजमाव की समस्या बनी रहती है. डॉक्टर ने राज्य सरकार से मेडिसिन विभाग का नया भवन निर्माण किए जाने की मांग की है.

Web Title: Bihar: Water filled with knees in the hospital, floats in ICU fish

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