“वोट दे बिहारी, नौकरी ले बाहरी, अब नहीं चलेगा”?, डोमिसाइल नीति को लेकर सड़क पर उतरे छात्र, पटना में विरोध प्रदर्शन
By एस पी सिन्हा | Updated: July 2, 2025 16:12 IST2025-07-02T16:11:45+5:302025-07-02T16:12:19+5:30
छात्र नेता दिलीप कुमार के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि सरकारी नौकरियों में 90 फीसदी और प्राथमिक शिक्षा में 100 फीसदी डोमिसाइल नीति लागू हो।

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पटनाः बिहार में डोमिसाइल (स्थानीय निवास) नीति लागू करने की मांग को लेकर राजधानी पटना में एक बार फिर छात्र सड़कों पर उतर आए। बुधवार सुबह पटना कॉलेज से शुरू हुआ छात्रों का प्रदर्शन शहर के प्रमुख मार्गों तक पहुंचा, जिसने प्रशासन को हाई अलर्ट पर ला दिया। हजारों छात्रों ने “वोट दे बिहारी, नौकरी ले बाहरी, अब नहीं चलेगा” जैसे नारे लगाते हुए बिहार सरकार से नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे थे। बिहार की नौकरियों पर बिहारियों का हक छात्र संगठनों, विशेष रूप से छात्र नेता दिलीप कुमार के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि सरकारी नौकरियों में 90 फीसदी और प्राथमिक शिक्षा में 100 फीसदी डोमिसाइल नीति लागू हो। उनका कहना है कि बिहार में बेरोजगारी और युवाओं का पलायन बढ़ रहा है।
क्योंकि स्थानीय लोगों को नौकरियों में प्राथमिकता नहीं मिल रही। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने पड़ोसी राज्यों जैसे झारखंड और उत्तराखंड का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां डोमिसाइल नीति लागू होने से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल रहा है। उधर, प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए पटना प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
जेपी गोलंबर और अन्य प्रमुख मार्गों पर बैरिकेड लगाए गए थे, लेकिन छात्रों ने मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने पोस्टर-बैनर के साथ मार्च निकालते हुए सरकार से यह भी अपील की कि बिहार के संसाधनों और नौकरियों पर पहला अधिकार स्थानीय युवाओं का होना चाहिए।
उनका कहना है कि जब तक सरकार इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख नहीं अपनाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलनकारियों की मांग थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद सामने आकर डोमिसाइल नीति पर सरकार का रुख स्पष्ट करें। इससे पहले भी पटना में डोमिसाइल नीति को लेकर कई बार छात्र प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन इस बार का आंदोलन बड़े स्तर पर आयोजित किया गया है।
इसे 'महान छात्र आंदोलन' का नाम दिया गया था। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी छात्र गांधी चौक, मुसल्लहपुर हाट, भिखना पहाड़ी, नया टोला, मछुआ टोली, हथुआ मार्केट होते हुए गांधी मैदान, जेपी गोलंबर, डाक बंगला होते हुए मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले थे।
सैकड़ों छात्र अलग अलग जिले से पटना पहुंचे थे। छात्रों की मांग है कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में 100 प्रतिशत डोमिसाइल लागू किया जाए। साथ ही माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती, दारोगा, सिपाही, लाइब्रेरियन, बीपीएससी और अन्य सभी सरकारी नौकरियों में भी 90 प्रतिशत डोमिसाइल लागू करने की मांग की।