बिहार: विपक्षी महागठबंधन और वाम दलों के 'आक्रोश मार्च' से तेजस्वी यादव व राजद नेता ने बनाई दूरी, एकता पर उठने लगे हैं प्रश्न

By एस पी सिन्हा | Published: November 14, 2019 05:31 AM2019-11-14T05:31:57+5:302019-11-14T05:31:57+5:30

तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी के बारे में वीआईपी नेता मुकेश सहनी ने तो खुलकर कह दिया कि तेजस्वी यादव के नहीं शामिल होने से कोई फर्क नहीं पड़ता.

Bihar Tejashwi Yadav RJD leader distance from opposition grand alliance and 'angry march' of left parties | बिहार: विपक्षी महागठबंधन और वाम दलों के 'आक्रोश मार्च' से तेजस्वी यादव व राजद नेता ने बनाई दूरी, एकता पर उठने लगे हैं प्रश्न

बिहार: विपक्षी महागठबंधन और वाम दलों के 'आक्रोश मार्च' से तेजस्वी यादव व राजद नेता ने बनाई दूरी, एकता पर उठने लगे हैं प्रश्न

Highlightsमहागठबंधन के आक्रोश मार्च में तेजस्वी यादव के नहीं पहुंचने का सबसे बड़ा कारण उपेंद्र कुशवाहा का नेतृत्व माना जा रहा है.हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी ने कहा कि सरकार और प्रशासन होश में आये, नहीं तो आज हमने प्रदर्शन किया है, जरूरत पड़ेगी तो और उग्र प्रदर्शन करेंगे. ज

केंद्र और राज्य सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ बिहार में विपक्षी महागठबंधन ने वाम दलों के साथ मिलकर आज राज्यव्यापी 'आक्रोश मार्च' निकाला. 'आक्रोश मार्च' की शुरुआत गांधी मैदान से की गई. इस 'आक्रोश मार्च' में महागठबंधन में समन्वय समिति के गठन की मांग पूरी नहीं होने से नाराज चल रहे हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर और विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया भी इस 'आक्रोश मार्च' में शामिल हुए. वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नहीं पहुंचने से सवाल खड़े हो गए हैं. 

महागठबंधन के इस आक्रोश मार्च में तेजस्वी के साथ ना तो राजद का कोई बैनर पोस्टर रहा और ना ही कोई कार्यकर्ता. महागठबंधन के आक्रोश मार्च को उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व करना भी गठबंधन के भीतर अंदरूनी गुटबाजी के बड़ा कारण माना जा रहा है. पटना के गांधी मैदान से निकल कर जिला समाहरणालय तक हुए इस आक्रोश मार्च में गठबंधन के कई नेता शामिल रहे. कांग्रेस से अध्यक्ष मदन मोहन झा, हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी, वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे.

आरजेडी की तरफ से प्रतीकात्मक रूप से सिर्फ प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी मौजूद रहे

आक्रोश मार्च का नेतृत्व रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने किया. महागठबंधन के इस आक्रोश मार्च में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हुआ कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आक्रोश मार्च में आखिर क्यों नहीं दिखाई पड़े? यही नही महागठबंधन के आक्रोश मार्च में राजद का ना तो कोई झंडा और ना ही कोई बैनर पोस्टर दिखाई पडा. आरजेडी की तरफ से प्रतीकात्मक रूप से सिर्फ प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी मौजूद रहे. उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में हुए इस आक्रोश मार्च में राजद के किनारे रहने से कई सवाल खड़े हुए.

हालांकि तेजस्वी यादव के साथ राजद का किसी भी कार्यकर्ता के मार्च में शामिल नहीं होने पर के सवाल पर गठबंधन के नेता भी बचते दिखे. तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी के बारे में वीआईपी नेता मुकेश सहनी ने तो खुलकर कह दिया कि तेजस्वी यादव के नहीं शामिल होने से कोई फर्क नहीं पड़ता. दूसरी तरफ जीतन राम मांझी ने भी सवाल से किनारा करते हुए कहा की तेजस्वी के नहीं आने पर कोई जवाब नहीं देंगे.

तेजस्वी यादव के नहीं पहुंचने का सबसे बड़ा कारण उपेंद्र कुशवाहा को माना जा रहा है

 वैसे महागठबंधन के आक्रोश मार्च में तेजस्वी यादव के नहीं पहुंचने का सबसे बड़ा कारण उपेंद्र कुशवाहा का नेतृत्व माना जा रहा है. एक तरफ जहां तेजस्वी खुद नेता प्रतिपक्ष हैं और अगले विधानसभा में मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में खुद को प्रोजेक्ट कर रहे हैं तो उपेन्द्र कुशवाहा के नेतृत्व में गठबंधन के मार्च में शामिल होकर खतरा मोल नहीं लेना चाहते. उल्लेखनीय है कि हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में राजद ने बिना उपेंद्र कुशवाहा और मांझी का समर्थन लिए ही बेहतर प्रदर्शन कर दिखाया है.

ऐसे में जानकारों का मानना है कि तेजस्वी को आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जरूरत महसूस होती है पर कुशवाहा मांझी या फिर मुकेश साहनी को ज्यादातर तरजीह नहीं देना चाहते. जीतन राम मांझी के भी गठबंधन से लगातार नाराजगी रहने के कारण राजद ने खुद को मार्च से दूर रखना ही बेहतर समझा, हालांकि गठबंधन ने इस आक्रोश मार्च में आपसी एकता दिखाने का भरसक प्रयास किया गया पर सबसे बड़ा सवाल क्या है कि क्या 2020 के विधानसभा चुनाव में तक आपसी एकता बनी रहेगी? 

 कुशवाहा ने जमकर केन्द्र और राज्य सरकार पर जमकर साधा निशाना

वहीं, इस आक्रोश मार्चा में पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने केंद्र और राज्य सरकार पर जम कर बरसे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का जो रवैया है, पूरे देश में जो नफरत का माहौल है, आर्थिक मंदी के दौर में देश इतना पीछे हो गया है, जितना कभी नहीं था. छंटनी हो रही है, लोग बेरोजगार हो रहे हैं. बिहार में तो शिक्षा चौपट, स्वास्थ्य चौपट, लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति ऐसी है कि जहां जिसकी मर्जी हत्या कर दे, कोई देखनेवाला नहीं है. इन तमाम चीजों से जनता को निजात दिलाना है. इसके अलावा तमाम हमारे मुद्दे हैं. 

वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी ने कहा कि सरकार और प्रशासन होश में आये, नहीं तो आज हमने प्रदर्शन किया है, जरूरत पड़ेगी तो और उग्र प्रदर्शन करेंगे. जबकि, मुकेश सहनी ने कहा कि आज मध्य बिहार में प्रदर्शन हो रहा है. आनेवाले समय में पूरे बिहार में चक्का जाम करेंगे.

Web Title: Bihar Tejashwi Yadav RJD leader distance from opposition grand alliance and 'angry march' of left parties

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