थानेदार के व्यवहार के चलते गुस्से से तमतमाए तेज प्रताप, निलंबन की मांग को लेकर थाने में ही धरने पर बैठ
By एस पी सिन्हा | Published: December 27, 2018 05:20 PM2018-12-27T17:20:41+5:302018-12-27T17:20:41+5:30
तेज प्रताप ने आरोप लगाते हुए कहा कि जनता दरबार के दौरान एक महिला की शिकायत दर्ज किये जाने की बात कहने पर फुलवारीशरीफ थाना के एसएचओ ने उनके साथ फोन पर बदसलूकी की. एसएचओ के व्यवहार पर भड़के तेज प्रताप अपने समर्थकों के साथ थाने पर पहुंच गये और धरना पर बैठ गये.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के साथ थाना प्रभारी के द्वारा बदसलूकी की बात समाने आई है। वहीं बदसलूकी से भड़के तेजप्रताप ने समर्थकों के साथ थाना का घेराव किया. तेज प्रताप पार्टी समर्थकों व कार्यकर्ताओं के साथ पटना में फुलवारीशरीफ थाने का घेराव किया और थोनदार के निलंबन तक धरना पर बैठ गए.
तेज प्रताप ने आरोप लगाते हुए कहा कि जनता दरबार के दौरान एक महिला की शिकायत दर्ज किये जाने की बात कहने पर फुलवारीशरीफ थाना के एसएचओ ने उनके साथ फोन पर बदसलूकी की. एसएचओ के व्यवहार पर भड़के तेज प्रताप अपने समर्थकों के साथ थाने पर पहुंच गये और धरना पर बैठ गये. उन्होंने एचएसओ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हुए उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है.
तेज प्रताप ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह थाने में पहुंचे तो उन्होंने थाना परिसर में शराब की बोतल भी देखी. जिसकी शिकायत करने के उद्देश्य से उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फोन भी किया. हालांकि, उनके पटना में नहीं होने के कारण उनकी इस बारे में उनकी बातचीत नहीं हो पाई. जिसके बाद वे अपने समर्थकों के साथ थाने में धरना पर बैठ गये.
दरअसल, जनता दरबार कार्यक्रम के दौरान एक महिला फुलवारीशरीफ थाना में शिकायत दर्ज नहीं किये जाने की फरियाद लेकर तेज प्रताप के पास पहुंची. तेज प्रताप ने महिला की फरियाद पर थाने में फोन कर मामले की जानकारी लेने के साथ ही मामला दर्ज नहीं किये जाने के पीछे का कारण जानना चाहा.
उनका आरोप है कि इसी दौरान एसएचओ ने उनके साथ फोन पर बदसलूकी की. फिर तेजप्रताप समर्थकों के साथ थाना पहुंचे और धरना पर बैठ गये. वहीं, जानकारी के मुताबिक तेज प्रताप के धरना पर बैठने की घटना के बाद थाने में महिला की शिकायत दर्ज किये जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उधर, तेज प्रताप की मांग है कि वे तब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई नहीं जाती है.