बिहार में करीब एक लाख से अधिक शिक्षक फर्जी डिग्री पर कर रहे नौकरी! होंगे बर्खास्त, पैसों की भी होगी वसूली

By एस पी सिन्हा | Updated: February 4, 2022 19:01 IST2022-02-04T19:01:52+5:302022-02-04T19:01:52+5:30

बिहार में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर बहाली को लेकर विवाद के बीच करीब एक लाख शिक्षकों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है. इनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है.

Bihar teacher appointment folders missing almost 1 lakh may lose job | बिहार में करीब एक लाख से अधिक शिक्षक फर्जी डिग्री पर कर रहे नौकरी! होंगे बर्खास्त, पैसों की भी होगी वसूली

बिहार में एक लाख से अधिक शिक्षकों की नौकरी पर खतरा! (फाइल फोटो)

Highlightsबिहार में एक लाख से अधिक सरकारी शिक्षकों की नौकरी खतरे में, नौकरी जाने के साथ-साथ सैलरी भी वापस करनी पड़ सकती है।दरअसल, एक लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों के फोल्डर जांच के लिए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को उपलब्ध नहीं हो सके हैं।2006 से 2015 के बीच नियुक्त शिक्षकों के प्रमाण पत्रों पर उठे हैं सवाल।

पटना: बिहार में एक लाख से अधिक सरकारी शिक्षकों की नौकरी खतरे में है. राज्य के अलग-अलग जिलों में कई शिक्षकों को नौकरी से हटाया गया है, साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है. इसके साथ ही अब तक लिए गए वेतन को शिक्षा विभाग को वापस करने के लिए कहा गया है. 

दरअसल, समय सीमा समाप्त होने के करीब छह माह बाद भी राज्य के एक लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों के फोल्डर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को उपलब्ध नहीं हो सके हैं. इस कारण इनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है. निगरानी जांच की पूरी प्रक्रिया बाधित है.

राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि पटना हाई कोर्ट के आदेश पर नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि एक लाख शिक्षकों की बहाली संबंधी फोल्डर नियोजन इकाइयों के पास उपलब्ध नहीं है, इस वजह से जांच की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है. शिक्षक अगर इस मामले कागजात उपलब्ध नहीं कराते हैं तो इस मामले को हाईकोर्ट के संज्ञान में लाकर ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. 

फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर बहानी का मामला

हाईकोर्ट के आदेश पर निगरानी ब्यूरो राज्यभर की नियोजन इकाइयों में 2006 से 2015 के बीच नियुक्त शिक्षकों के प्रमाण पत्रों पर उठाए गए सवालों की जांच कर रहा है. आरोप है कि बडी संख्या में फर्जी प्रमाण पत्रों पर बहाली की गई है. 

बता दें कि 2014 में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर बड़ी संख्या में शिक्षकों की बहाली का मामला सामने में आया और इसे लेकर कई मामले पटना हाईेकोर्ट में भी दर्ज हुए. 2015 में न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि 2006 से 2015 के बीच बहल सभी शिक्षकों की डिग्रियों की जांच निगरानी से हो. 

पांच साल से जांच की प्रक्रिया चल रही है. इसके जरिए लगभग सवा तीन लाख शिक्षकों के शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों और नियोजन इकाइयों द्वारा तैयार उस मेधा सूची की जांच की जानी है, जिसके तहत शिक्षक नियुक्त किये गये हैं. लेकिन शिक्षा विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद अबतक करीब 1.03 लाख शिक्षकों के नियोजन फोल्डर गायब हैं. 

जुलाई 20 तक शिक्षकों को फोल्डर उपलब्ध कराने के लिए अंतिम मौका दिया गया था लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद अब भी एक लाख शिक्षकों की डिग्रियों का अता-पता नहीं है. अब विभाग हाईकोर्ट के संज्ञान में इसे देगा और हाईकोर्ट के निर्देश पर ऐसे शिक्षकों की सेवा समाप्त होगी.

Web Title: Bihar teacher appointment folders missing almost 1 lakh may lose job

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे