शिक्षा विभाग पर सर्जिकल स्ट्राइक?, 61 बर्खास्त और 264 शिक्षकों को किया निलंबित, लापरवाही, अनुपस्थिति और भ्रष्टाचार की शिकायत, जांच घेरे में 273 मास्टरसाहब
By एस पी सिन्हा | Updated: May 22, 2025 14:25 IST2025-05-22T14:22:41+5:302025-05-22T14:25:20+5:30
अररिया, जमुई, नालंदा, पटना, सहरसा, शेखपुरा, सारण, सीतामढ़ी, सुपौल और सीवान शामिल हैं।

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पटनाः बिहार में शिक्षा विभाग ने वर्षों से स्कूलों में लापरवाही, अनुपस्थिति और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए जांच में दोषी पाए गए 61 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है, वहीं 264 शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इसके अलावा 273 और शिक्षक जांच के घेरे में हैं, जिन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। बिहार में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में शिक्षक लापरवाही, अनुपस्थिति और भ्रष्टाचार के आरोप में सीधे निशाने पर आए हैं। इसके साथ ही शिक्षा विभाग की जांच में चौंकाने वाली बातें सामने आईं है।
इसमें कुछ शिक्षक स्कूल में केवल उपस्थिति दर्ज कर निजी कार्यों में निकल जाते थे, तो कई शिक्षक प्रधानाध्यापक शह पर विद्यालय से नदारद रहते थे। शिक्षा विभाग के अनुसार, जिन शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है वे कार्यक्षमता में लापरवाही, विभागीय आदेशों की अवहेलना और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोपों में दोषी पाए गए हैं।
कई मामलों में यह पाया गया कि शिक्षक स्कूल में उपस्थिति दर्ज कर अपने निजी कार्यों में व्यस्त हो जाते हैं या फिर प्रधानाध्यापक से मिलीभगत कर विद्यालय से गायब हो जाते हैं। स्कूल मद की राशि में अनियमितता और गड़बड़ियों की भी शिकायतें सामने आई हैं। शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि किसी भी अधिकारी और शिक्षकों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शिक्षा विभाग के विशेष सचिव एवं निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी के हस्ताक्षर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि बर्खास्तगी, निलंबन और कार्रवाई के सभी आंकड़े गूगल शीट के माध्यम से विभाग को तत्काल उपलब्ध कराए जाएं। विभाग इन कार्रवाइयों की निगरानी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कर रहा है।
इसके तहत सभी जिलों को जवाबदेह बनाया गया है। हालांकि, कुछ जिलों द्वारा सूचनाएं अधूरी दी गई हैं या गूगल शीट -2 में कोई आंकड़ा नहीं भरा गया है। इनमें अररिया, जमुई, नालंदा, पटना, सहरसा, शेखपुरा, सारण, सीतामढ़ी, सुपौल और सीवान शामिल हैं। जो विभाग के अनुसार एक गंभीर लापरवाही है। विभाग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
विभाग ने साफ किया है कि अब कोई भी अधिकारी या शिक्षक अगर शिक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ करता मिला, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे में विभाग ने एक सख्त संदेश दिया है कि पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति उसकी प्रतिबद्धता बरकरार है। शिक्षा विभाग की इस सर्जिकल स्ट्राइक ने साफ कर दिया है कि अब कोई भी शिक्षक या अधिकारी लापरवाही और भ्रष्टाचार कर बच नहीं पाएगा।